आंध्र प्रदेश के एक अधिकारी को 1750 करोड़ की रिश्वत, अडानी पर आरोप; TDP ने क्यों साधी चुप्पी
- आपको बता दें कि जब जगन सरकार ने 2019 में सत्ता संभाली थी तो उसने कई PPA रद्द कर दिए थे। इसके कारण राज्य में बिजली संकट पैदा हो गया था। TDP इस स्थिति से बचना चाहती है।
अमेरिका में उद्योगपति गौतम अडानी के खिलाफ दायर आरोप पत्र में कहा गया है कि अडानी समूह ने आंध्र प्रदेश के उच्च पद पर तैनात एक बड़े अधिकारी को करीब 2029 करोड़ रुपये में से कुल 85% से अधिक यानी करीब 1750 करोड़ रुपये की रिश्वत दी। हालांकि इस मामले पर वहां की सत्तारूढ़ पार्टी तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने चुप्पी साध ली है। टीडीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के पट्टाभि राम ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “हमने अमेरिकी कोर्ट केस के बारे में सुना है। हम इसे एक-दो दिन में देखेंगे।” वहीं, मंत्री नारा लोकेश नायडू ने विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा न होने की बात कही।
सूत्रों के मुताबिक, TDP ने इस मामले पर चुप रहने के कुछ संभावित कारण बताए हैं। पहला पार्टी आने वाले दिनों में स्थिति को समझने के बाद ही कोई प्रतिक्रिया देने का विचार कर रही है। आरोप यह है कि अडानी समूह ने मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी के शासनकाल में सौर ऊर्जा के ठेके हासिल करने के लिए रिश्वत दी थी। TDP फिलहाल इस विवाद में कूदने से बचने की कोशिश कर रही है। एक TDP नेता ने कहा, “हमें किसी कदम को उठाने से पहले लाभ और हानि का आकलन करना होगा। हम सतर्कता से काम ले रहे हैं।”
दूसरा कारण यह हो सकता है कि मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू अडानी समूह के साथ निवेश को लेकर बातचीत कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में नायडू ने अडानी पोर्ट्स एंड SEZ लिमिटेड के प्रबंध निदेशक से मुलाकात की थी। इसके अलावा आंध्र प्रदेश को सौर ऊर्जा की आवश्यकता है और अडानी सोलर के साथ किए गए पावर पर्चेज एग्रीमेंट्स (PPA) रद्द करने की स्थिति में नहीं है।
आपको बता दें कि जब जगन सरकार ने 2019 में सत्ता संभाली थी तो उसने कई PPA रद्द कर दिए थे। इसके कारण राज्य में बिजली संकट पैदा हो गया था। TDP इस स्थिति से बचना चाहती है।
तीसरा कारण नायडू का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ अपनी संबंधों को बनाए रखना हो सकता है। टीडीपी उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण के साथ अपने रिश्तों को फिर से मजबूत करने के प्रयास में है। पवन कल्याण ने ही बीजेपी को टीडीपी-जाना सेना पार्टी (JSP) गठबंधन में शामिल करने में अहम भूमिका निभाई थी। इसके बाद एनडीए को बड़ी जीत मिली थी। आपको यह भी बता दें कि , पवन कल्याण पीएम मोदी और बीजेपी नेतृत्व के करीबी हैं।
केंद्र में भी टीडीपी एनडीए की प्रमुख सहयोगी है। टीडीपी के श्रीकाकुलम सांसद राम मोहन नायडू केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हैं। वहीं, गुन्टूर सांसद डॉ. चंद्र शेखर पेम्मसानी केंद्रीय ग्रामीण विकास और संचार राज्य मंत्री हैं।
पवन कल्याण की पार्टी से एक नेता ने इस मामले पर कहा, "हम केवल एक क्षेत्रीय पार्टी हैं और इस पर हमारी कोई टिप्पणी नहीं है।" वहीं, वाईएसआर ने भी इस मामले पर चुप्पी साध रखी है।
आरोप पत्र के अनुसार, "गौतम अडानी ने आंध्र प्रदेश में एक बड़े अधिकारी से मुलाकात की। उन्होंने यह मुलाकात SECI और राज्य विद्युत वितरण कंपनियों के बीच PSA समझौतों की कार्यवाही को आगे बढ़ाने के लिए की थी।" आरोप पत्र में यह भी कहा गया है कि कुल 2,029 करोड़ रुपये की रिश्वत में से 1,750 करोड़ रुपये एक बड़े अधिकारी को दी गई थी।
CPI ने आरोप लगाया कि इस घोटाले की पुष्टि अमेरिकी आरोप पत्र से हो गई है और अब वह भारत सरकार, विशेषकर प्रधानमंत्री मोदी से जवाब चाहती है। CPI(M) ने इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से अडानी पर भ्रष्टाचार के आरोप में मुकदमा चलाने की मांग की है। CPI(M) ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अडानी को किसी भी जांच से बचाया और अब एक स्वतंत्र एजेंसी से पूरी जांच होनी चाहिए।