मालदीव में शेफ की नौकरी करने गया था युवक, डेली 20 घंटे करवाया जाता काम, और फिर…
- अधिकारी ने बताया कि मालदीव में भारतीय उच्चायोग के सहयोग से मीरा भयंदर वसई विरार पुलिस के 'भरोसा सेल' के प्रयासों से मान पारेख (24) को उसके परिवार से मिलवाया गया।
महाराष्ट्र के ठाणे जिला स्थित भयंदर निवासी एक व्यक्ति को मालदीव से भारत वापस लाया गया है। वह वहां एक रिसॉर्ट में शेफ के रूप में कार्य कर रहा था तथा कथित तौर पर शोषण तथा जबरन मजदूरी का शिकार हुआ था। पुलिस के एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि मालदीव में भारतीय उच्चायोग के सहयोग से मीरा भयंदर वसई विरार पुलिस के 'भरोसा सेल' के प्रयासों से मान पारेख (24) को उसके परिवार से मिलवाया गया।
सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) (अपराध) मदन बल्लाल ने बताया, ''वह पिछले साल दिसंबर में एक रिसॉर्ट में ‘शेफ’ के तौर पर काम करने के लिए मालदीव गया था। उसकी नौकरी का प्रबंध एक स्थानीय एजेंट ने करवाया था। वहां जाकर व्यक्ति ने खुद को दमनकारी और अपमानजनक कार्य वाले माहौल में फंसा हुआ पाया। उसे प्रतिदिन लगभग 20 घंटे काम कराया जाता था और खराब गुणवत्ता का खाना दिया जाता था, जबकि अन्य सुविधाएं भी घटिया दी जाती थीं।''
एसीपी ने कहा, ''उसके माता-पिता ने रिसॉर्ट के प्रबंधन से बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने पिछले छह महीनों में उसे वापस लाने के लिए कई तरीके आजमाए और अंत में 15 नवंबर को उन्होंने भरोसा सेल से संपर्क किया। सेल की वरिष्ठ निरीक्षक तेजश्री शिंदे ने वहां भारतीय उच्चायोग से संपर्क किया और अन्य औपचारिकताएं पूरी की, जिसके बाद 18 नवंबर को पारेख को भारत वापस भेज दिया गया।''