Hindi Newsमहाराष्ट्र न्यूज़We do not even kill insects Salman will not apologize Salim Khan reply to Lawrence Bishnoi gang

हम कीड़े-मकोड़ों को भी नहीं मारते, सलमान नहीं मांगेगा माफी; सलीम खान का लॉरेंस बिश्नोई गैंग को जवाब

  • Salman Khan and Lawrence Bishnoi: सलमान खान के पिता सलीम खान ने शायद पहली बार इस मुद्दे पर खुलकर बोला है। उन्होंने माफी की किसी भी संभावना को सिरे से खारिज कर दिया। उनका कहना है कि सलमान खान ने काफी लोगों की मदद की है।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानSat, 19 Oct 2024 07:12 AM
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Salman Khan and Lawrence Bishnoi: बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद बॉलीवुड के दबंग एक्टर सलमान खान और जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की दुश्मनी की चर्चा फिर से जोर पकड़ ली है। इस बीच में इसी गैंग के नाम पर मुंबई पुलिस को एक धमकी भरा मैसेज मिला था, जिसमें 5 करोड़ रुपये की मांग की गई थी। साथ ही यह भी कहा था कि बाबा सिद्दीकी से भी खराब हाल सलमान खान के होंगे। इन तमाम विवादों के बीच सलीम खान से साफ-साफ कहा है कि उनका बेटा सलमान खान कभी माफी नहीं मांगेगा।

आपको बता दें कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग सलमान खान के घर पर हमला भी कर चुका है और धमकी भी दे चुका है। हाल ही में इस हमले से जुड़े एक अपराधी को हरियाणा से गिरफ्तार किया गया था। लॉरेंस बिश्नोई गैंग से धमकियों का सिलसिला शुरू होने के बाद से सलमान खान की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सलमान खान हर जगह पुलिस घेरे में नजर आ रहे हैं।

एबीपी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में सलीम खान ने साफ शब्दों में कहा है कि सलमान खान माफी नहीं मांगेंगे। उन्होंने कहा कि सलमान ने कभी जानवरों का शिकार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि सलमान खान को मिल रही धमकियां सिर्फ उगाही के लिए हैं। सलीम खान ने कहा, "सलमान ने कभी किसी जानवर को नहीं मारा। सलमान ने कभी साधारण कॉकरोच को भी नहीं मारा। हम हिंसा में विश्वास नहीं रखते हैं।"

हम कीड़े-मकोड़ों को भी नहीं मारते: सलीम खान

सलीम खान ने कहा, "लोग हमसे कहते हैं कि आप हमेशा नीचे जमीन पर देखते हैं। आप बहुत विनम्र हैं। मैं उनसे कहता हूं कि यह शर्म की बात नहीं है। मुझे डर है कि कोई कीड़ा भी मेरे पैरों के नीचे आकर घायल हो जाएगा। मैं उन्हें भी बचाता रहता हूं।''

सलीम खान ने कहा कि बीइंग ह्यूमन ने कई लोगों की मदद की है. कोविड के बाद इसमें गिरावट आई, लेकिन उससे पहले हर दिन लंबी कतारें लगती थीं। कुछ को सर्जरी की जरूरत थी, कुछ को अन्य मदद की जरूरत थी। हर दिन चार सौ से ज्यादा लोग मदद की उम्मीद में आते थे।

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