Hindi Newsमहाराष्ट्र न्यूज़Uddhav Thackeray attacks eknath Shinde calls him a traitor and appeals to the public not to vote

सच्चा शिवसैनिक कभी पीठ में छुरा नहीं घोंपता; उद्धव का शिंदे पर हमला, गद्दार कहकर जनता से की वोट न देने की अपील

  • शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके समर्थकों पर एक बार फिर तीखा प्रहार किया है। ठाकरे ने शिंदे को ‘गद्दार’ करार देते हुए कहा कि बालासाहेब ठाकरे का सच्चा शिवसैनिक कभी किसी की पीठ में छुरा नहीं घोंपता।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानSat, 16 Nov 2024 11:11 PM
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महाराष्ट्र में आने वाले विधानसभा चुनावों की सरगर्मी चरम पर है। नेताओं के बयानों और एक-दूसरे पर तीखे हमलों के बीच सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके समर्थकों पर एक बार फिर तीखा प्रहार किया है। ठाकरे ने शिंदे को ‘गद्दार’ करार देते हुए कहा कि बालासाहेब ठाकरे का सच्चा शिवसैनिक कभी किसी की पीठ में छुरा नहीं घोंपता।

शनिवार को मुंबई के चांदिवली निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद आरिफ नसीम खान के लिए प्रचार करते हुए उद्धव ठाकरे ने जनता से अपील की कि वह ‘गद्दारों’ को वोट न दें। यह इलाका 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए खासा अहम माना जा रहा है। यहां मुख्यमंत्री शिंदे की शिवसेना ने दिलीप लांडे को अपना उम्मीदवार बनाया है।

2022 में शिवसेना में विभाजन के बाद से उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी के नेता लगातार शिंदे पर तीखे हमले करते रहे हैं। शिंदे और उनके समर्थकों के विद्रोह के कारण उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था, जिसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति में भारी उथल-पुथल मच गई थी। ठाकरे ने अपने संबोधन में कहा, "महाराष्ट्र की जनता ने ठान लिया है कि गद्दारों को सबक सिखाना है। एक सच्चा शिवसैनिक हमेशा अपनी विचारधारा और नेताओं के प्रति वफादार रहता है।"

चुनावी माहौल के बीच महाराष्ट्र की सियासत में बयानबाजी तेज हो गई है। शिवसेना के दोनों गुट - उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना - एक-दूसरे पर तीखे वार कर रहे हैं। वहीं, गठबंधन की राजनीति भी जोर पकड़ रही है। जहां उद्धव की शिवसेना अपने सहयोगियों को मजबूत करने में जुटी है।

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह चुनाव उद्धव ठाकरे के लिए अपनी सियासी पकड़ मजबूत करने और शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को चुनौती देने का मौका है। हालांकि, जनता किसे अपना समर्थन देगी, यह तो 23 नवंबर के नतीजों के बाद ही साफ होगा लेकिन फिलहाल महाराष्ट्र की चुनावी जंग दिलचस्प और गर्म होती जा रही है।

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