ठाणे: कपल को फ्लैट मिलने में हुई देरी, एक करोड़ रुपये का रिफंड मिला साथ में ब्याज के पैसे भी
कपल की फ्लैट खरीदारी में देरी हुई। इस मामले में राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने अपना फैसला सुनाते हुए एक ग्राहक को एक करोड़ रुपये वापस देने का आदेश दिया है।
घर का सपना हर किसी का होता और इसके लिए आदमी पाई-पाई जुटाकर उसमें निवेश करता है। लेकिन कई बार ऐसा होता है जब बिल्डर के चलते या फिर अन्य वित्तीय कारणों की वजह से खरीदारों को समय पर मकान नहीं मिलता। ठाणे से ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां एक कपल की फ्लैट खरीदारी में देरी हुई। इस मामले में राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने अपना फैसला सुनाते हुए एक ग्राहक को एक करोड़ रुपये वापस देने का आदेश दिया है। इतना ही नहीं साथ ही इसके साथ करीब 63 लाख रुपये ब्याज के रूप में भी देने का फैसला सुनाया है।
दरअसल, यह मामला ठाणे का है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि मामला कपस्टोन कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा हुआ है। राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के हवाले से बताया कि फ्लैट निर्माण में देरी के लिए एक बिल्डर यह दावा नहीं कर सकता कि यह समय अधिकारियों से अपेक्षित अनुमति मांगने में लग गया है। सक्षम अधिकारियों से अनुमोदन प्राप्त करने में लगने वाला समय हमेशा अपेक्षित होता है। बिल्डर निर्माण में देरी के लिए इस बचाव को नहीं ले सकता है।
इसी आधार पर नेशनल उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कहा कि एक फ्लैट खरीदार 9% ब्याज के साथ रिफंड और निर्माण में देरी के लिए मुआवजे का हकदार है। इसके चलते फ्लैट खरीदारों अनुज और सोमारा बिस्वास को 1.17 करोड़ रुपये वापस करने का आदेश दिया गया। साथ ही में कपस्टोन कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को ब्याज में लगभग 63 लाख रुपये का भुगतान करने का भी आदेश मिला है।
यह मामला तब सामने आया जब इस दंपति ने ठाणे स्थित एक फ्लैट के कब्जे में एक साल से अधिक की देरी हो गई। इसके बाद उन्होंने ब्याज सहित धन वापसी की मांग की थी। उन्होंने देरी से कब्जा लेने से इनकार कर दिया और बदले में धनवापसी की मांग की थी।
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