8वीं की लड़कियों को दिखाता था पोर्न, शरीर भी टच करता था; टीचर गिरफ्तार
- लड़कियों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, प्रमोद सरदार उन्हें अपने मोबाइल पर अश्लील वीडियो दिखाता था और फिर उन्हें अनुचित तरीके से छूता था। मामला तब प्रकाश में आया जब चाइल्ड हेल्पलाइन को एक स्कूल शिक्षक के बारे में शिकायत मिली।
बदलापुर यौन उत्पीड़न कांड का मामला अभी ठंडी भी नहीं हुआ है कि महाराष्ट्र के ही अकोला जिले में एक और भयावह घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। 42 साल के एक स्कूल शिक्षक को मंगलवार देर रात कक्षा 8 की छह छात्राओं के साथ बार-बार छेड़छाड़ करने और उन्हें अश्लील वीडियो दिखाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। आरोपी शिक्षक प्रमोद सरदार अकोला शहर से 40 किलोमीटर दूर बालापुर तालुका के काजीखेड़ा गांव में जिला परिषद स्कूल परिसर में चार महीने से छात्राओं का यौन शोषण कर रहा था।
लड़कियों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, प्रमोद सरदार उन्हें अपने मोबाइल पर अश्लील वीडियो दिखाता था और फिर उन्हें अनुचित तरीके से छूता था। मामला तब प्रकाश में आया जब चाइल्ड हेल्पलाइन को एक स्कूल शिक्षक के बारे में शिकायत मिली।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि पीड़ितों ने 1098 हेल्पलाइन पर डायल करने का साहस जुटाया। चाइल्ड हेल्पलाइन पर शिकायत के बाद, बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने मंगलवार को स्कूल का दौरा किया। सीडब्ल्यूसी सदस्यों ने स्कूल में एक घंटे का सत्र आयोजित किया और प्रिंसिपल से कहा कि वे कक्षा 8 की लड़कियों से व्यक्तिगत रूप से बात करना चाहते हैं।
इस बातचीत के दौरान लड़कियों ने अपने साथ हुए चार महीनों के मानसिक आघात के बारे में बताया। सीडब्ल्यूसी सदस्यों ने तुरंत पुलिस को बुलाया। उरल पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक गोपाल ढोले ने कहा, "हमें सीडब्ल्यूसी सदस्य का फोन आया और हमने एक पुलिस टीम को स्कूल भेजा और किशोर लड़कियों के बयान दर्ज किए। शिक्षक प्रमोद सरदार उन्हें अश्लील तस्वीरें दिखाता था और उन्हें अनुचित तरीके से छूता था। हमने आरोपी को हिरासत में ले लिया है और उसके खिलाफ बीएनएस और पोक्सो अधिनियमों के तहत मामला दर्ज किया है।"
स्कूल के प्रिंसिपल रवींद्र समदुर ने कहा कि वे सदमे में हैं। उन्होंने कहा, "अगर मुझे इस बारे में पता होता, तो मैं सबसे पहले कार्रवाई करता। जब सीडब्ल्यूसी टीम हमारे स्कूल आई और लड़कियों से बात की तब हमें अपराध के बारे में पता चला।" सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने मीडिया से बात नहीं की।
महिला आयोग की पूर्व सदस्य आशा मिर्जे ने कहा, "यह बहुत ही चौंकाने वाली घटना है और हम शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं। साथ ही, स्कूल के अन्य सभी कर्मचारियों को भी जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए क्योंकि स्कूल में यह सब चल रहा था इसलिए वे कैसे अनजान हो सकते हैं।"