मुंबई में एक गणेश पंडाल के लिए 316 करोड़ रुपए का बीमा, सजावट में 60 किलो से अधिक सोने का इस्तेमाल
'विघ्नहर्ता' के रूप में पूजे जाने वाले भगवान गणेश की मूर्तियां राज्यभर में लोग अपने घरों में स्थापित कर रहे हैं। महामारी का असर कम होने के बाद भव्य पंडालों में गणेश प्रतिमाएं स्थापित हो रही है।
देश और महाराष्ट्र में बुधवार से दस दिवसीय गणेश चतुर्थी पर्व की शुरुआत हुई। पिछले दो साल के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के कारण यह त्योहार कई तरह की पाबंदियों के साए में मनाया गया था। महामारी का असर कम होने के बाद इस साल सार्वजनिक स्तर पर भव्य पंडालों में गणेश प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। एक से बढ़कर एक गणेश पंडाल स्थापित किए जाते हैं। लाखों रुपए खर्च कर बनाए जाने वाले पंडालों को बीमा भी कराया जाता है। ताकि किसी प्रकार के नुकसान की भरपाई हो सके।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल मुंबई के सबसे अमीर गणेश मंडलों में से गौड़ सारस्वत ब्राह्मण (GSB) सेवा मंडल को गणेश चतुर्थी उत्सव के लिए 316.40 करोड़ रुपए का बीमा कवर मिला है। इस सेवा मंडल की स्थापना 1955 में मध्य मुंबई के मांटुगा में किग्स सर्कल के पास हुई थी। एक स्वयंसेवक ने दावा किया है कि यह किसी मंडल की ओर से लिया गया अब तक सबसे ज्यादा बीमा कवर है।
बीमा में क्या-क्या होगा कवर?
जीएसबी सेवा मंडल के अध्यक्ष विजय कामथ ने कहा, बीमा के तहत सभी सार्वजनिक देनदारियां और मंडल आने वाले प्रत्येक भक्त को 10 दिनों के उत्सव के लिए कवर किया जाता है। उन्होंने आगे कहा, 'मंडल ने भूकंप के जोखिम के साथ 1 करोड़ रुपए की मानक आग और विशेष जोखिम नीति भी ली है जिसमें फर्नीचर, जुड़नार, फिटिंग, कंप्यूटर, सीसीटीवी और स्कैनर जैसे इस्टॉलेशन शामिल हैं। हम सबसे अनुशासित गणेश मंडल हैं, इसलिए बप्पा (भगवान गणेश) के हर भक्त को सुरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है।
सोना-चांदी की वस्तुओं के लिए 31 करोड़ का कवर
316 करोड़ रुपए के बीमा में सोने, चांदी और अन्य मूल्यवान वस्तुओं के लिए 31.97 करोड़ रुपए का कवर और पंडाल, स्वयंसेवकों, पुजारियों, रसोइयों, फुटवियर स्टाल, कर्माचरियों, वैलेट पार्किंक, व्यक्यियों और सुरक्षा गार्डों के लिए 263 करोड़ रुपए का व्यक्तिग बीमा कवर शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पंडाल की ओर से भगवान गणेश की मूर्ति को सजाने में 60 किलो से अधिक का सोना इस्तेमाल किया जाता है।