यदि मायावती NDA के साथ हाथ मिलाती हैं, तो मैं इसका स्वागत करूंगा: बोले केंद्रीय मंत्री अठावले
बसपा पर एक सवाल का जवाब देते हुए अठावले ने कहा, ''यदि मायावती राजग में शामिल होती हैं तो मैं इसका स्वागत करूंगा। वह दलित समुदाय के लिए काम करती हैं।''
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने बुधवार को कहा कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती यदि सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ हाथ मिलाने का फैसला करती हैं तो वह इसका स्वागत करेंगे। उन्होंने हालांकि कहा कि बसपा को गठबंधन का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करने के बारे में फैसला राजग की अगुवाई करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निर्भर है। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री महाराष्ट्र के जालना में अपनी रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) की बैठक से पहले पत्रकारों से बात कर रहे थे।
केंद्रीय मंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है, जब दिन में मायावती ने भाजपा के नेतृत्व वाले राजग या विपक्षी दलों के गठबंधन 'इंडिया' के साथ हाथ मिलाने की संभावना से इनकार करते हुए 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा था कि सभी पार्टियां बसपा के साथ गठबंधन के लिए उत्सुक हैं। बसपा पर एक सवाल का जवाब देते हुए अठावले ने कहा, ''यदि मायावती राजग में शामिल होती हैं तो मैं इसका स्वागत करूंगा। वह दलित समुदाय के लिए काम करती हैं...लेकिन यह भाजपा को तय करना है कि वह उनकी पार्टी को राजग में शामिल होने के लिए आमंत्रित करती है या नहीं।''
उन्होंने कहा, ''भाजपा उत्तर प्रदेश में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने में पूरी तरह सक्षम है, लेकिन अगर वह (मायावती) समाजवादी पार्टी (सपा) से हाथ मिला भी लेती है, तो भी चुनाव में भाजपा पर कोई असर नहीं पड़ेगा।'' 'इंडिया' गठबंधन की मुंबई में प्रस्तावित दो दिवसीय बैठक के संबंध में उन्होंने कहा, ''मैं स्वस्थ लोकतंत्र के लिए एक मजबूत विपक्ष में विश्वास करता हूं और कामना करता हूं कि यह मजबूत बना रहे।'' उन्होंने हालांकि विपक्षी गठबंधन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उसे 2024 के चुनावों के बाद भी विपक्ष में बने रहना चाहिए।
उन्होंने दावा किया, ''प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजग सत्ता में बनी रहेगी।'' अठावले ने यह भी सुझाव दिया कि मराठा समुदाय के लिए आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा के बजाय आर्थिक मानदंडों के आधार पर दिया जाना चाहिए। उच्चतम न्यायालय द्वारा सामाजिक मानदंडों पर आरक्षण को खारिज किये जाने के बाद मराठा समुदाय ओबीसी कोटे से आरक्षण की मांग कर रहा है। उन्होंने कहा, ''आर्थिक मानदंडों के आधार पर आरक्षण देना अधिक उचित होगा।'' अगले साल होने वाले लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव लड़ने के लिए दो संसदीय सीटों और 10-12 विधानसभा सीटों की मांग करेगी।
उन्होंने हालांकि स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाली वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ेगी। अठावले ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शेष कार्यकाल के लिए पद पर बने रहेंगे। भारतीय संविधान को बदलने के बारे में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के प्रमुख बिबेक देबरॉय द्वारा व्यक्त की गई राय के बारे में पूछे जाने पर, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का मौजूदा संविधान बदलने का कोई इरादा नहीं है।