पहले पंकजा का करो पुनर्वास, वरना... चुनाव से पहले महाराष्ट्र में OBC समुदाय ने BJP की क्यों उड़ाई नींद?
Maharashtra Politics: पंकजा मुंडे महाराष्ट्र में भाजपा का सबसे बड़ा OBC चेहरा रहे गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं। हालिया चुनावों में BJP ने उन्हें बीड संसदीय सीट से उतारा था लेकिन शरद पवार की NCP से हार गई

महाराष्ट्र में आगामी कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं। उससे पहले अहमदनगर के कुछ इलाकों में बड़े-बड़े पोस्टर चिपकाए गए हैं, जिसमें भाजपा नेता और पूर्व सांसद पंकजा मुंडे का विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक पुनर्वास कराने की मांग की गई है। ABP न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अहमदनगर के पंगारमल में सकल ओबीसी समाज महाराष्ट्र की तरफ से बैनर और पोस्टर लगाए हैं, जिसमें कहा गया है कि अगर आगामी विधानसभा चुनाव से पहले पंकजा मुंडे का पुनर्वास नहीं कराया जाता है, तो पूरा ओबीसी समुदाय भारतीय जनता पार्टी सहित एनडीए के किसी भी घटक दल को वोट नहीं देगा।
भाजपा कार्यकर्ताओं की यह मांग लोकसभा चुनावों में पंकजा मुंडे की हार के बाद उठी है। पोस्टर के जरिए भाजपा कार्यकर्ताओं ने भागवत कराड पर भी निशाना साधते हुए कहा है कि जो लोग पार्टी और समाज में कोई योगदान नहीं देते उन्हें राज्यसभा भेजकर मंत्री पद दे दिया जाता है, लेकिन पंकजा मुंडे को छोड़ दिया गया है।
बता दें कि पंकजा मुंडे महाराष्ट्र में भाजपा का सबसे बड़ा ओबीसी चेहरा रहे गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं। हालिया चुनावों में भाजपा ने उन्हें बीड संसदीय सीट से उतारा था लेकिन शरद पवार की एनसीपी के बजरंग सोनवणे से वह चुनाव हार गईं। यह वही इलाका है, जहां मराठा आंदोलन के कारण हिंसा हुई थी। बीड से पंकजा का हारना पंकजा और बाजपा दोनों के लिए चौंकाने वाला है। पंकजा गोपीनाथ मुंडे की बड़ी बेटी हैं। उनके निधन के बाद पंकजा चुनाव जीतकर विधायक बनी थीं।
बाद में उन्हें देवेंद्र फडणवीस की सरकार में मंत्री बनाया गया था। उनकी छोटी बहन प्रीतम मुंडे पिता की परंपरागत सीट बीड से उपचुनाव जीतकर संसद पहुंची थीं। 2019 के चुनाव में प्रीतम की जगह पंकजा को बीड लोकसभा सीट से उतारा गया लेकिन एनसीपी उम्मीदवार से पंकजा चुनाव हार गईं और दोनों बहनें किसी भी सदन की सदस्य बनने से चूक गईं।
अब जब राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं, और उससे पहले राज्य में दो राज्यसभा सीट पर चुनाव होने हैं, तब पंकजा के समर्थकों और ओबीसी समुदाय के लोगों ने पंकजा के पुनर्वास की मांग की है। जाहिर है कि उनका इशारा पंकजा को राज्यसभा में एडजस्ट कराने की तरफ है। पीयूष गोयल और उदयनराज भोसले के लोकसभा चुनाव जीतने से ये सीटें खाली हुई हैं। ऐसे में भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई हैं, क्योंकि दो सीट पर दावेदार कई हैं। उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने भी अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार की दावेदारी ठोक दी है। अगर भाजपा ने पंकजा मुंडे को राज्यसभा में एडजस्ट नहीं किया या कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया तो संभव है कि ओबीसी समुदाय भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।