नवनीत राणा के खिलाफ केस चलाने के लिए पर्याप्त दस्तावेज, अमरावती की सांसद को कोर्ट से झटका
फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में निर्दलीय लोकसभा सांसद नवनीत राणा को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने माना है कि अमरावती की सांसद नवनीत राणा के खिलाफ केस चलाने के लिए पर्याप्त दस्तावेज हैं।
फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में निर्दलीय लोकसभा सांसद नवनीत राणा और उनके पिता हरभजन कुंडल को स्पेशल कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने माना है कि अमरावती की सांसद नवनीत राणा के खिलाफ केस चलाने के लिए पर्याप्त दस्तावेज हैं। आरोप है कि नवनीत राणा ने एससी के लिए आरक्षित सीट से चुनाव लड़ने के लिए फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया था।
मुंबई की एक विशेष अदालत ने उनकी आपराधिक पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। इससे पहले राणा दंपति ने सत्र अदालत का दरवाजा खटखटाया था क्योंकि एक मजिस्ट्रेट अदालत ने उन्हें आपराधिक मामले से बरी करने से इनकार कर दिया था। अब स्पेशल कोर्ट ने माना है कि नवनीत राणा के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त सामग्री है। विशेष न्यायाधीश आरएन रोकड़े ने राणा और उसके पिता को कोई राहत नहीं दी।
राणा दंपति के खिलाफ मुलुंड थाने में दर्ज शिकायत के आधार पर दफा 420, 468, 471, 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया था। आरोप है कि राणा और उनके पिता हरभजन सिंह ने अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र पाने के लिए झूठ बोला था। अमरावती लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति के उम्मीदवार हेतु आरक्षित है।
क्या है पूरा मामला?
ज्ञात हो कि शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल ने आरोप लगाया था कि राणा ने फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर अमरावती से लोकसभा का चुनाव जीता था। उनके सर्टिफिकेट को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में भी एक याचिका दायर की गई थी। इसके मुताबिक, राणा मूलत: पंजाब से आती हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि वह लबाना जाति से आती हैं, जो कि महाराष्ट्र में SC की श्रेणी में नहीं आती हैं। आरोप लगाया गया कि उन्होंने स्कूल के फर्जी डॉक्यूमेंट्स दिखाकर फर्जी सर्टिफिकेट बनवाया।