बरसों से हल्के में लिया, बैलेट बॉक्स के जरिए यह बदला लेने का समय; दशहरे पर क्या बोले राज ठाकरे
- राज ठाकरे ने कहा, ‘सड़कें और फ्लाईओवर का निर्माण करना वास्तविक प्रगति नहीं है। मोबाइल फोन और गैजेट्स होने से विकास नहीं हो जाता है। सच्ची प्रगति तो सामूहिक तौर पर समाज के उत्थान से होगी।’
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने दशहरे के मौके पर जोरदार भाषण दिया। उन्होंने मतदाताओं से आगामी चुनावों को अपने भविष्य पर नियंत्रण करने के अवसर के रूप में लेने की गुहार लगाई। उन्होंने इस उत्सव के अवसर को राजनीतिक परिवर्तन का सही समय बताया और और महाराष्ट्र के लोगों से 'शमी के पेड़ से हथियार हटा लेने' की सीधी अपील की, जो युद्ध के लिए तैयार होने का प्रतीकात्मक संदर्भ है। उन्होंने कहा कि यह पॉलिटिकल क्लास से बदला लेने का वक्त है जो बरसों से उन्हें हल्के में लेता रहा है।
पॉडकास्ट के जरिए लोगों को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने कहा, 'आज दशहरा है और यह साल के सबसे शुभ दिनों में से एक है। मैं आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। इस दिन हम पारंपरिक रूप से सोने के प्रतीक के तौर पर शमी के पेड़ की पत्तियों का आदान-प्रदान करते हैं। मगर, वर्षों से महाराष्ट्र की असली संपत्ति लूट ली गई है जबकि हम इन पत्तियों को आपस में बांटने में लगे हैं। अब ऐक्शन लेने का समय है।' उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ राजनीतिक दल वास्तविक प्रगति देने में विफल रह हैं। ठाकरे ने नागरिकों से अपील की कि आगामी चुनावों में वे आत्मसंतुष्ट न हों।
'सड़कें और फ्लाईओवर वास्तविक प्रगति नहीं'
राज ठाकरे ने कहा, 'सड़कें और फ्लाईओवर का निर्माण करना वास्तविक प्रगति नहीं है। मोबाइल फोन और गैजेट्स होने से विकास नहीं हो जाता है। सच्ची प्रगति तो सामूहिक तौर पर समाज के उत्थान से होगी। इतने बरसों के बाद भी, हम राजनीतिक वर्ग के झूठे वादों में फंसे हुए हैं और अभी भी अंधेरे में टटोल रहे हैं। ठाकरे ने इस दौरान मतदाताओं को लोकतंत्र में उनकी शक्तिशाली भूमिका की याद दिलाई। उन्होंने भारतीय पौराणिक कथाओं के पांडवों के रूपक का भी इस्तेमाल किया, जिन्होंने अपने हथियार शमी के पेड़ पर छिपाकर रखे थे। ठाकरे ने गुहार लगाई कि वे चुनाव के दौरान अपने सबसे शक्तिशाली हथियार (अपने वोट) का इस बार सही ढंग से इस्तेमाल करें।