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पुणे पोर्श क्रैशः कोर्ट में 900 पेज की चार्जशीट फाइल, जानें क्यों नहीं है मुख्य आरोपी का नाम

पुलिस ने पुणे पोर्श क्रैश मामले में सात आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में फाइल किया है। हालांकि इसमें नाबालिग आरोपी का नाम नहीं है।

Ankit Ojha एजेंसियां, पुणेSat, 27 July 2024 08:03 AM
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पुलिस ने पोर्श कार दुर्घटना मामले में सात आरोपियों के खिलाफ पुणे की एक अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया है। इन आरोपियों में दुर्घटना के वक्त कथित तौर पर गाड़ी चला रहे नाबालिग लड़के के माता-पिता भी शामिल हैं। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। आरोपी के मां-बाप के अलावा इसमें डॉ. अजय तावड़े, डॉ  श्रीहरि हरनोल, अतुल घाटकांबले, अश्पक मकंदर और अमर गायकवाड़ को आरोपी बनाया गया है।

यह आरोपपत्र दुर्घटना के दो महीने से अधिक समय बाद दाखिल किया गया है। सत्र न्यायालय में गुरुवार को दाखिल किए गए 900 पेज के आरोपपत्र में 17 वर्षीय किशोर का नाम शामिल नहीं किया गया है। किशोर का मामला किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) के समक्ष है, जबकि सात को भारतीय दंड संहिता की आपराधिक षड़्यंत्र और साक्ष्य मिटाने से संबंधित धाराओं के तहत आरोपित किया गया है।

यह दुर्घटना 19 मई की सुबह पुणे के कल्याणी नगर इलाके में हुई जिसमें कथित तौर पर शराब के नशे में नाबालिग द्वारा चलाई जा रही कार ने मध्य प्रदेश के मूल निवासी मोटरसाइकिल सवार दो आईटी पेशेवरों को टक्कर मार दी थी। लड़के के पिता विशाल अग्रवाल एक नामी बिल्डर हैं।

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) शैलेश बलकावड़े ने कहा, ‘हमने गुरुवार को पुणे की एक अदालत में सात आरोपियों के खिलाफ 900 पृष्ठों का आरोपपत्र दाखिल किया है जिनमें नाबालिग के माता-पिता, ससून जनरल अस्पताल के दो चिकित्सक और एक कर्मचारी तथा दो बिचौलिए शामिल हैं।’ पुलिस के इस दस्तावेज में 50 गवाहों के बयान शामिल हैं। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त बलकावड़े ने बताया कि आरोपपत्र में दुर्घटना प्रभाव विश्लेषण रिपोर्ट, तकनीकी साक्ष्य, फोरेंसिक प्रयोगशाला और डीएनए रिपोर्ट शामिल हैं।

बता दें कि पुलिस ने जूविनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने 18 जून को आरोपी की फाइनल रिपोर्ट पेश की थी। इसमें उसके घर का सीसीटीवी फुटेज और उन होटलों का भी सीसीटीवी फुटेज था जहां उसने पार्टी की थी। उसने शराब भी पी रखी थी। उस दौरान आरोपी के साथ उसके जो दोस्त थे उनका भी बयान लिया गया था। बता दें कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने 25 जून को आरोपी को सुधार गृह से छोड़ दिया था। इसके बाद उसने सजा के रूप में निबंध लिखने की सजा भी पूरी की। 

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