संभाजी महाराज के हत्यारे को मसीहा मानते हैं कुछ लोग, PM मोदी ने फिर चला औरंगजेब कार्ड
- पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि हमने तो औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर किया और बालासाहेब ठाकरे की इच्छा पूरी की। पीएम मोदी ने कहा कि हमने हिंदुत्व की राजनीति से समझौता नहीं किया, जबकि कुछ लोगों ने अपना रास्ता ही बदल लिया है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के प्रचार में विपक्ष पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और सहयोगी दल अनुच्छेद 370 की बहाली चाहते हैं और कश्मीर के लिए अलग संविधान की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने तो औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर किया और बालासाहेब ठाकरे की इच्छा पूरी की। पीएम मोदी ने कहा कि हमने हिंदुत्व की राजनीति से समझौता नहीं किया, जबकि कुछ लोगों ने अपना रास्ता ही बदल लिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार के गठन के बाद महाराष्ट्र में सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ।
यही नहीं एक और तीखा वार करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग संभाजी महाराज के हत्यारे में अपना मसीहा देखते हैं। बता दें कि छत्रपति शिवाजी के बेटे संभाजी महाराज थे, जिनकी हत्या का आदेश औरंगजेब ने दिया था। यह भी एक कारण है कि महाराष्ट्र में शिवाजी बनाम औरंगजेब की राजनीति होती रही है। महाराष्ट्र में यह एक संवेदनशील विषय रहा है। इसके अलावा औरंगाबाद का क्षेत्र एक दौर में हैदराबाद स्टेट के तहत आता था, जिस पर निजाम का शासन था। ऐसे में यहां की राजनीति में ध्रुवीकरण की भी संभावनाएं रहती हैं। इस क्षेत्र में मुस्लिमों की बड़ी आबादी रहती है।
छत्रपति संभाजी महाराज छत्रपति शिवाजी महाराज के उत्तराधिकारी थे। उस समय मराठों का सबसे प्रबल शत्रु मुगल शासक औरंगज़ेब था। बीजापुर और गोलकुण्डा का शासन हिंदुस्तान से समाप्त करने में उनकी प्रमुख भूमिका रही। संभाजी राजे अपनी शौर्यता के लिये प्रसिद्ध थे। संभाजीराजे ने अपने कम समय के शासन काल में 210 युद्ध किये और इसमे एक प्रमुख बात यह थी कि उनकी सेना एक भी युद्ध में पराजित नहीं हुई थी।
उनके पराक्रम की वजह से परेशान हो कर औरंगज़ेब ने कसम खाई थी के जब तक छत्रपती संभाजीराजे पकड़े नहीं जायेंगे, वो अपना किमोंश सर पर नहीं चढ़ाएगा। 11 मार्च 1689 को औरंगजेब ने छत्रपती संभाजी महाराज की बड़ी क्रूरता के साथ हत्या कर दी।