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अब शरद पवार ने अजित पवार को नए दांव से चौंकाया, तीन सीटों पर 3 नेता तोड़ बढ़ाई टेंशन

  • महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अब लगभग आखिरी दौर में है। प्रचार में 5 दिन का ही वक्त बचा है और उससे पहले शरद पवार ने बड़ा मास्टरस्ट्रोक खेल दिया है। उन्होंने पुणे की दो सीटों पर अजित पवार के सहयोगियों को शामिल कर लिया है तो वहीं एक सीट पर भाजपा के बड़े नेता को अपने पाले में ले आए हैं।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, मुंबईThu, 14 Nov 2024 02:25 PM
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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अब लगभग आखिरी दौर में है। प्रचार में 5 दिन का ही वक्त बचा है और उससे पहले शरद पवार ने बड़ा मास्टरस्ट्रोक खेल दिया है। उन्होंने पुणे की दो सीटों पर अजित पवार के सहयोगियों को शामिल कर लिया है तो वहीं एक सीट पर भाजपा के बड़े नेता को अपने पाले में ले आए हैं। इस तरह पुणे की तीन सीटों पर शरद पवार ने दांव चल दिया है, जिन पर अजित पवार और भाजपा खुद को मजबूत मानकर चल रहे थे। अजित पवार के साथी सुनील तटकरे के करीबी और पीएमसी बैंक के पदाधिकारी भी पार्टी में शामिल हो गए हैं।

विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण में शरद पवार पश्चिमी महाराष्ट्र पर फोकस कर रहे हैं। इस बार फोकस बैठकों, रोड शो और दूसरे नेताओं को पार्टी में लाने पर है। शरद पवार ने आज पुणे और रायगढ़ में पार्टी में कई नेताओं को एंट्री दिलाई। इससे महायुति को झटके की आशंका है। वड़गांव शेरी निर्वाचन क्षेत्र से पूर्व एनसीपी नगरसेवक रेखा टिंगरे और चंद्रकांत टिंगरे ने एनसीपी-एसपी का दामन थाम लिया है। इनके अलावा दिलीप तुपे और अनिल तुपे भी पार्टी में आए गए हैं। इन लोगों का पुणे की हड़पसर सीट पर असर माना जाता है। इसके अलावा धनकवाड़ी के समीर धनकावड़े की भी पार्टी में एंट्री हुई है।

वड़गांव शेरी से रेखा टिंगरे शरद पवार की पार्टी में शामिल हो गई हैं। रेखा टिंगरे 2022 में बीजेपी में शामिल हुई थीं, लेकिन चार महीने पहले ही वह अजित पवार की एनसीपी में शामिल हो गईं थीं। अब चुनाव से पहले उन्होंने एक बार फिर से पालाबदल किया है। वडगांवशेरी में सुनील टिंगरे को हराने के लिए शरद पवार उन्हें साथ लाए हैं। दोनों की प्रतिद्वंद्विता जगजाहिर है क्योंकि एक दौर में रेखा टिंगरे ने सुनील टिंगरे से अदावत के चलते ही एनसीपी छोड़ दी थी।

दिलीप तुपे पुणे नगर निगम की स्थायी समिति के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं, इसलिए तुपे का अपने क्षेत्र में काफी दबदबा है। तुपेवाड़ी या तुपेगांव का हड़पसर में बड़ा प्रभाव है। यह निर्वाचन क्षेत्र काफी बड़ा है और तुपे का यहां एक इलाके में अच्छा असर है। इस तरह शरद पवार ने इन नेताओं को साथ लाकर अजित पवार और भाजपा के खेमे में सेंध लगाने की कोशिश की है।

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