एक महायुति, सेफ बहुमत; महाराष्ट्र में भाजपा गठबंधन की प्रचंड बढ़त के क्या मायने
- इस विधानसभा चुनाव में भाजपा की तरफ से दो नारे दिए गए थे। योगी आदित्यनाथ ने 'बंटेंगे तो कटेंगे' का नारा दिया। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से 'एक हैं तो सेफ हैं' की बात कही गई।
महाराष्ट्र विधानसभा की सभी 288 सीटों के रुझान सामने आ चुके हैं। इनमें से 211 सीटों पर महायुति आगे चल रही है। यहां किसी भी पार्टी और गठबंधन को सरकार बनाने के लिए 145 सीटों की आवश्यक्ता है। अब तक भाजपा 130 सीटों पर आगे चल रही है। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना 48 सीटों पर आगे चल रही है। अजित पवार की पार्टी को अब तक 31 सीटों पर बढ़त है।
इस विधानसभा चुनाव में भाजपा की तरफ से दो नारे दिए गए थे। योगी आदित्यनाथ ने 'बंटेंगे तो कटेंगे' का नारा दिया। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से 'एक हैं तो सेफ हैं' की बात कही गई। इन नारों को लेकर विपक्ष ने तीखा वार किया ही। वहीं, सहयोगियों ने सवाल उठाए। हालांकि, पूरे चुनाव के दौरान महायुति एकजुट दिखी। लेकिन महाविकास अघाड़ी के घटक दलों के बीच मनमुटाव की खबरें सामने आती रही। सीट शेयरिंग से लेकर सीटों के चुनाव तक को लेकर बंटवारा दिखा।
शरद पवार के लिए क्या हैं इस चुनाव के मायने?
महाराष्ट्र का यह चुनाव शरद पवार के लिए काफी महत्वपूर्ण था। उनके भतीजे अजित पवार ने उनसे उनकी ही बनाई पार्टी छीन ली। इसलिए यह चुनावी उनकी सियासी वजूद के लिए काफी महत्वपूर्ण था। लोकसभा चुनाव में मिली शानदार जीत से गदगद एमवीए को विधानसभा में बड़ी जीत का भरोसा था। हालांकि, रुझान उनके खिलाफ आ रहे हैं।
उद्धव के लिए भी झटका
उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना को भी टूट का सामना करना पड़ा था। एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना ने इस चुनाव में अपने प्रदर्शन से उद्धव को चौंका दिया है। फिलहाल 50 सीटों पर आगे चल रही है। वहीं, शिवसेना (यूबीटी) के खाते में सिर्फ 17 सीटें जाती दिख रही हैं।