महाराष्ट्र की माहिम सीट पर तीन सेनाओं के बीच भिड़ंत, कितनी चुनौती दे पाएंगे राज ठाकरे के बेटे
- मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने माहिम से मौजूदा विधायक सदा सर्वणकर को उम्मीदवार बनाया है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) महेश सावंत को मैदान में उतारा है।
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर माहिम सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। मध्य मुंबई के इस विधानसभा क्षेत्र में तीन 'सेनाओं' के बीच भिड़ंत होने वाली है। राज्य में सत्तारूढ़ महायुति के घटक दल शिवसेना, विपक्षी शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के उम्मीदवारों के बीच त्रिकोणीय फाइट होगी। मनसे ने माहिम विधानसभा सीट से पार्टी प्रमुख राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे को मैदान में उतारा है। वह पहली बार चुनाव लड़ेंगे। माहिम मुंबई की 36 विधानसभा सीट में से एक है।
राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने माहिम से मौजूदा विधायक सदा सर्वणकर को उम्मीदवार बनाया है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) महेश सावंत को मैदान में उतारा है। मालूम हो कि राज ठाकरे और शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे चचेरे भाई हैं। शिवसेना जून 2022 में दो गुटो में बंट गई थी, क्योंकि शिंदे के नेतृत्व में कुछ विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी।
ठाकरे परिवार से चुनाव लड़ने वाले तीसरे व्यक्ति अमित
अमित, ठाकरे परिवार से चुनाव लड़ने वाले तीसरे व्यक्ति होंगे। उनके पिता मनसे के प्रमुख राज ठाकरे ने कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा है। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे और अमित के चचेरे भाई आदित्य ठाकरे ने 2019 के विधानसभा चुनावों में वर्ली सीट से जीत हासिल की थी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने के बाद उद्धव ठाकरे खुद 2020 में विधान परिषद के लिए चुने गए। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना का मुख्यालय भी माहिम विधानसभा क्षेत्र में स्थित है।
क्या भाजपा अमित ठाकरे को दे सकती है समर्थन
इस बीच, मनसे को महायुति गठबंधन में शामिल करने की कोशिशें भी जारी हैं। मुंबई शहर के भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार और प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले सहित दूसरे नेताओं का इसे लेकर बयान आया। उन्होंने कहा कि वे चाहेंगे कि सत्तारूढ़ गठबंधन अमित ठाकरे को समर्थन दे। हालांकि, अभी इस पर अंतिम फैसला लेना बाकी है। शेलार ने कहा, 'राज ठाकरे ने हिंदुत्व पर अपना रुख बरकरार रखा है। अगर वे हमारा समर्थन करते हैं तो हमें अपना रिश्ता बनाए रखना चाहिए। अमित ठाकरे को महायुति के तौर पर समर्थन देना चाहिए। सीनियर नेताओं से इस पर बात करेंगे।'
माहिम में किस तरह के बनते दिखे समीकरण
अगर, अमित ठाकरे को भाजपा का समर्थन मिलता है और महायुति उम्मीदवार अपना नाम वापस लेते हैं तो माहिम की कहानी बदल सकती है। राज ठाकरे के बेटे इस सीट पर जीत के प्रबल दावेदार बन जाएंगे। हालांकि, इसकी संभावना कम नजर आ रही है। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि भाजपा नेताओं ने महज चुनावी बयानबाजी की है। वहीं, माहिम से मौजूदा विधायक सदा सर्वणकर ने शनिवार को कहा था कि वह सोमवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। माहिम विधानसभा क्षेत्र 1990 से हमेशा अविभाजित शिवसेना या मनसे के पास रहा है। 2009 में मनसे के नितिन सरदेसाई ने यहां से जीत हासिल की थी।
(एजेंसी इनपुट के साथ)