महाराष्ट्र चुनाव की 'सबसे बड़ी विजेता' क्यों है अजित पवार की NCP? कांग्रेस और भाजपा को भी हुआ घाटा
- बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति ने महाराष्ट्र में जबरदस्त प्रदर्शन किया है। विशेषज्ञों के अनुसार, कांग्रेस और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के अन्य सहयोगियों के वोट महायुति की ओर शिफ्ट हो गए।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के परिणामों ने राज्य की राजनीतिक तस्वीर को बदलकर रख दिया है। जहां कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के वोट शेयर में भारी गिरावट देखने को मिली, वहीं अजित पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और बीजेपी-शिवसेना (शिंदे गुट) ने अपनी स्थिति मजबूत कर ली है।
कांग्रेस और बीजेपी के वोट शेयर में गिरावट
कांग्रेस पार्टी का वोट शेयर लोकसभा चुनाव 2024 के मुकाबले महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में 16.92% से घटकर 11.39% हो गया। कांग्रेस पार्टी विधानसभा में सिर्फ 19 सीटें जीतती दिख रही है। वहीं, बीजेपी का वोट शेयर भी मामूली गिरावट के साथ लोकसभा चुनाव के 26.18% से घटकर 25.32% पर आ गया। बीजेपी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनने के साथ 127 सीटें जीतें जीत सकती है।
अजित पवार की एनसीपी की बड़ी छलांग
अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने अपने प्रदर्शन में बड़ा सुधार किया है। लोकसभा चुनाव में एनसीपी (अजित पवार) का वोट शेयर 3.60% था, जो विधानसभा चुनाव में बढ़कर 10.56% हो गया। यह बढ़त एनसीपी (अजित पवार) के लिए बड़ी जीत साबित हुई। अजित की पार्टी 40 सीटें जीत सकती है।
शरद पवार की एनसीपी और शिवसेना (शिंदे गुट) की स्थिति
शरद पवार की एनसीपी ने भी अपना प्रदर्शन स्थिर रखा। पार्टी 11.67% वोट शेयर के साथ 11 सीटें जीत सकती है। शिवसेना (शिंदे गुट) ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 12.50% वोट शेयर के साथ 55 सीटें जीतने की ओर बढ़ रही है। हालांकि उद्धव बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना को झटका लगा। पार्टी का वोट शेयर लोकसभा के 16.72% से घटकर विधानसभा चुनाव में 10.74% पर आ गया। पार्टी फिलहाल 20 सीटें जीतने की उम्मीद लगाए बैठी है।
महायुति की जीत और कांग्रेस का समर्थन आधार कमजोर
बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति ने महाराष्ट्र में जबरदस्त प्रदर्शन किया है। विशेषज्ञों के अनुसार, कांग्रेस और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के अन्य सहयोगियों के वोट महायुति की ओर शिफ्ट हो गए। कांग्रेस को पिछले लोकसभा चुनावों में सभी जातियों और समुदायों का व्यापक समर्थन मिला था, लेकिन यह समर्थन विधानसभा चुनावों में कमजोर हो गया। वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) और स्वाभिमानी पक्ष जैसी छोटी पार्टियां भी अपना वोट बैंक बनाए रखने में असफल रहीं। इनका वोट शेयर विधानसभा चुनावों में गिर गया, जिससे उनकी राजनीतिक स्थिति और कमजोर हो गई।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 ने दिखाया कि राज्य की राजनीति में बदलाव की बयार है। कांग्रेस और एमवीए सहयोगियों के लिए यह चुनाव झटका साबित हुआ, जबकि महायुति ने अपनी स्थिति और मजबूत कर ली। अजित पवार की एनसीपी ने वोट शेयर में वृद्धि कर खुद को राज्य की राजनीति में प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है।