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बदलापुर केसः अक्षय के पिता की अर्जी पर अर्जेंट सुनवाई करेगा HC, अब तक नहीं हुआ अंतिम संस्कार

  • बदलापुर मामले में मृत आरोपी अक्षय के पिता की याचिका पर अर्जेंट सुनवाई के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट तैयार हो गया है। पिता ने अक्षय के शव को दफनाने के लिए जमीन की मांग की है।

Ankit Ojha हिन्दुस्तान टाइम्सFri, 27 Sep 2024 12:29 PM
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बदलापुर केस में बॉम्बे हाई कोर्ट मृत आरोपी अक्षय शिंदे के पिता की अर्जी पर अर्जेंट सुनवाई को तैयार हो गया है। आरोपी अक्षय शिंदे को ठाणे पुलिस ने मार दिया था। परिजनों ने पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगाया है और कहा है कि इसके पीछे बड़ी साजिश है। पुलिस, स्कूल प्रबंधन के अलावा कई अन्य बड़े लोग भी इस साजिश में शामिल हो सकते हैं। अक्षय शिंदे पर बदलापुर के स्कूल के टॉइलेट में दो नाबालिग बच्चियों से रेप करने का आरोप था। वह स्कूल में सफाई का काम करता था।

अक्षय शिंदे के पिता ने अंबरनाथ म्युनिसिपल काउंसिल के चीफ ऑफिसर के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया था। अक्षय का परिवार उसके अंतिम संस्कार के लिए जमीन की मांग कर रहा है। इसके अलावा परिवार ने सुरक्षा की भी मांग की है। जस्टिस रेवती मोहिते और जस्टिस एमएम साथाये की बेंच दोपहर 1 बजे मामले की सुनवाई करने वाली है।

अक्षय के चाचा अमर शिंदे ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने उसका शव दफनाने के लिए स्थान का चयन अब तक नहीं किया है। उन्होंने कहा, 'हम उसे दफनाने के लिए जगह की तलाश कर रहे हैं। पुलिस ने हमें कुछ जगह दिखाने के लिए बुलाया है। हम शव को सुरक्षित जगह पर दफनाएंगे।' अमर शिंदे ने कहा कि अक्षय के माता-पिता और उसके वकील को सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए क्योंकि उनकी जान को खतरा है।

उन्होंने कहा, 'हमने इस अनुरोध के साथ उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री (देवेंद्र फडणवीस) को भी एक ईमेल भेजा है।' अक्षय शिंदे के पिता के वकील अमित कटारनवरे ने बताया कि अक्षय शिंदे ने अतीत में इच्छा व्यक्त की थी कि वह अंतिम संस्कार के बजाय उसे दफनाया जाए। बुधवार को, उसके पिता ने उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि परिवार शव को अपने कब्जे में लेने के लिए तैयार है, लेकिन उन्हें दफनाने की जगह नहीं मिल रही है। सरकारी वकील ने उच्च न्यायालय को आश्वासन दिया था कि ठाणे अपराध शाखा के एक पुलिस उपायुक्त स्थानीय प्राधिकारी से आवश्यक व्यवस्था करने के लिए कहेंगे।

अक्षय के पिता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए बंबई उच्च न्यायालय ने पुलिस के साथ गोलीबारी को लेकर चिंता व्यक्त की, कहा कि इस घटना को टाला जा सकता था और निष्पक्ष जांच की आवश्यकता पर बल दिया। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने गोलीबारी की परिस्थितियों और पुलिस द्वारा स्थिति से निपटने के तरीके पर गंभीर सवाल उठाए थे।

अक्षय के पिता ने याचिका दायर कर पुलिस की इस बात को चुनौती दी है कि जांच के लिए बाहर ले जाते वक्त अक्षय ने पहले एक पुलिसकर्मी को गोली मारी और जवाबी फायरिंग में वह मारा गया। याचिका में शिंदे को फर्जी मुठभेड़ में मारे जाने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की गई है।

पुलिस के अनुसार, सोमवार शाम को उसे तलोजा जेल से बदलापुर वापस ले जाया जा रहा था, तभी ठाणे के निकट मुंब्रा बाईपास पर गोलीबारी हुई, जिसमें उसकी मौत हो गई। किंडरगार्टन की दो बच्चियों के कथित यौन उत्पीड़न की घटना के बाद पिछले महीने बदलापुर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ था। (भाषा से इनपुट्स के साथ)

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