Hindi Newsमहाराष्ट्र न्यूज़Congress Raised in Lok Sabha Election but Lost in Haryana and Maharashtra What Will be Effect of it

लोकसभा चुनाव की चमक कांग्रेस ने 6 महीने में ही गंवाई, हरियाणा के बाद महाराष्ट्र की हार का क्या असर?

  • दो बड़े राज्यों को हारने के बाद कांग्रेस ही नहीं, बल्कि पूरे विपक्ष का कॉन्फिडेंस कम हुआ है। राजनैतिक जानकार मानते हैं कि हार का असर विपक्ष की पॉलिटिक्स पर भी पड़ सकता है।

Madan Tiwari लाइव हिन्दुस्तानSat, 23 Nov 2024 11:10 PM
share Share

Election Result 2024: लोकसभा चुनाव के बाद वापसी करती हुई दिख रही कांग्रेस को कुछ ही समय में दो बड़े झटके लग गए। पहले हरियाणा का विधानसभा चुनाव हार गई और अब महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन के तहत लड़ रही पार्टी को भी बुरी तरह पराजय का सामना करना पड़ा है। छह महीने में ही जो माहौल कांग्रेस और विपक्ष के लिए बनता दिख रहा था, उसे दो राज्यों ने पूरी तरह से बदल दिया। साथ ही इन दोनों चुनावी हार के बाद राहुल गांधी की इमेज पर भी डेंट लगा है। उनके रहते हुए पार्टी को एक के बाद एक कई चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है। पिछले दस सालों में कांग्रेस की राज्य दर राज्य हार होती जा रही है और साथ ही, दस सालों में वह तीन लोकसभा चुनावों को भी हार चुकी है।

पहले हरियाणा में जीती हुई बाजी गंवाई

हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत लगभग तय मानी जा रही थी। तमाम ओपिनियन पोल में कांग्रेस बंपर बहुमत हासिल करती दिख रही थी। वहीं, जब वोटिंग के बाद एग्जिट पोल आया तो उसमें भी कांग्रेस की ही सरकार बनने का अनुमान था, लेकिन नतीजों के दिन बाजी पलट गई। पहले डेढ़ घंटे तक आगे चल रही कांग्रेस अचानक बीजेपी से ऐसा पिछड़ी कि पूरा राज्य ही गंवाना पड़ा। बीजेपी ने कांग्रेस को हराते हुए लगातार तीसरी बार सरकार बनाई। नतीजों से कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा। हरियाणा में राहुल गांधी ने भी कई दिनों तक चुनावी प्रचार किया और जलेबी का मुद्दा बनाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। पार्टी को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा।

लोकसभा चुनाव के बाद बदल गई थी राहुल की इमेज

इस साल अप्रैल-मई और जून में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 99 सीटों पर जीत दर्ज की थी। कुछ महीने पहले तक 400 पार सीटें जीतती हुई दिख रही बीजेपी और गठबंधन एनडीए 300 पार भी नहीं पहुंच सका था। बीजेपी अकेले बहुमत के आंकड़े से पीछे रह गई। इसके बाद राहुल गांधी की नई छवि सबके सामने आई। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष का पद स्वीकार करते हुए संसद में कई तीखे हमले बोले। संसद सत्र के दौरान राहुल प्रधानमंत्री मोदी से कड़े सवाल पूछते नजर आए। अपने भाषण में उन्होंने बिजनेसमैन अडानी पर भी प्रहार किए। मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर भी राहुल संसद में मोदी सरकार पर हमलावर दिखे। पहले आम चुनाव के नतीजों और फिर राहुल के भाषणों से देश की जनता को यकीन होने लगा कि कांग्रेस का बुरा वक्त खत्म हो गया है और दस सालों से वनवास झेल रही पार्टी वापसी करने लगी है।

हरियाणा और महाराष्ट्र के नतीजों का पड़ेगा कोई असर?

दो बड़े राज्यों को हारने के बाद कांग्रेस ही नहीं, बल्कि पूरे विपक्ष का कॉन्फिडेंस कम हुआ है। राजनैतिक जानकार मानते हैं कि हार का असर विपक्ष की पॉलिटिक्स पर भी पड़ सकता है। सोमवार से ही संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है और इसमें वक्फ बिल समेत 15 बिल पेश किए जाएंगे। पिछले सत्र के दौरान वक्फ बिल को केंद्र सरकार ने जेपीसी के पास भेजा गया था, जिसके विपक्ष ने अपनी बड़ी जीत बताया था। उस समय विपक्ष लोकसभा चुनावों के नतीजों से गदगद था और विपक्षी सांसदों में नई ऊर्जा थी, लेकिन अब दो राज्यों को गंवाने के बाद विपक्ष बैकफुट पर है। हरियाणा और महाराष्ट्र के अलावा यूपी में भी समाजवादी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। उपचुनावों में उसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा है, जबकि लोकसभा चुनाव में सपा यूपी में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। नतीजों के बाद साफ है कि संसद में विपक्ष पर केंद्र के सांसद और मंत्री हावी रहेंगे।

अगला लेखऐप पर पढ़ें