विलासराव देशमुख सबसे बेहतर CM, गठबंधन की राजनीति उन्होंने सिखाई: अजित पवार
- अजीत पवार ने विधानसभा चुनावों को लेकर सकारात्मक नजरिया रखा है और महायुति की जीत का पूरा विश्वास जताया है। अब यह देखना होगा कि चुनाव परिणाम उनके दावों को सही साबित करते हैं या नहीं।
आज से करीब एक साल पहले अपने चाचा से बगावत कर उनकी बनाई पार्टी छीनने वाले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के दिवंगत नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख की तारीफ की है। आपको बता दें कि उन्होंने हाल ही में एक बड़ा दावा किया था, जिसमें उन्होंने 2019 में दिल्ली में एक बैठक की बात की थी। उन्होंने कहा था कि इस बैठक में गौतम अडानी, प्रफुल पटेल, गृह मंत्री अमित शाह, शरद पवार, देवेंद्र फडणवीस के साथ वह भी शामिल हुए थे।
टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने शरद पवार से मतभेद और पारिवारिक राजनीति के बारे में जब उनसे पूछा गया तो अजित पवार ने कहा, "मैं पारिवारिक मामलों पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। मेरा पूरा ध्यान विधानसभा चुनावों पर है।"
साथ ही अजीत पवार ने महायुति के विधानसभा चुनावों में अच्छे प्रदर्शन का दावा किया। उन्होंने कहा, "महायुति एकजुट होकर चुनाव मैदान में है। मुझे नहीं लगता कि इसे 175 सीटों का आंकड़ा पार करने में कोई कठिनाई होगी। हम सत्ता बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।"
विलासराव देशमुख की तारीफ
अजीत पवार ने कहा, "मैंने कई मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया है। मेरी राय में विलासराव देशमुख जो दो बार मुख्यमंत्री रहे वे सबसे अच्छे मुख्यमंत्री थे। हम एक गठबंधन सरकार के दौर में हैं। राष्ट्रीय या राज्य स्तर पर एकल पार्टी सरकार का कोई संभावन नहीं है। देशमुख ने गठबंधन सरकार को चलाने की रणनीति विकसित की थी।"
क्या आप मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं?
इस सवाल के जवाब में अजीत पवार ने स्पष्ट किया, "मैं मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं हूं। मुख्यमंत्री का चयन चुनाव परिणामों के बाद महायुति विधायक दल की बैठक में होगा।"
लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन
लोकसभा चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा था, जिसमें उन्होंने चार सीटों में से केवल एक सीट पर जीत हासिल की थी। इस पर अजीत पवार ने कहा, "लोकसभा चुनावों के बाद स्थिति बदल चुकी है। मतदाता अब महायुति को वोट देंगे। लोगों को यह एहसास हो गया है कि केवल महायुति ही परिणाम दे सकती है। लोकसभा चुनावों के दौरान आरक्षण का मुद्द अहम था। अब परिस्थिति बदल चुकी है। महायुति के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद करेंगे।"
अजीत पवार ने विधानसभा चुनावों को लेकर सकारात्मक नजरिया रखा है और महायुति की जीत का पूरा विश्वास जताया है। अब यह देखना होगा कि चुनाव परिणाम उनके दावों को सही साबित करते हैं या नहीं।