सुप्रिया बहन की ही आवाज है, अच्छे से पहचानता हूं; बिटकॉइन घोटाले पर अजित पवार
- सुप्रिया सुले के चचेरे भाई अजित पवार का बयान आया है। उनका कहना है कि ऑडियो क्लिप में जो आवाज है, वह सुप्रिया सुले की ही है। उन्होंने कहा कि मैं सुप्रिया बहन की आवाज को अच्छे से पहचानता हूं। इसके अलावा नाना पटोले की आवाज से भी मैं परिचित हूं। इन लोगों के साथ मैंने लंबे समय तक काम किया है।
महाराष्ट्र में मतदान से पहले बिटकॉइन घोटाले की चर्चा है। एक क्लिप वायरल है, जिसमें सुप्रिया सुले और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले की आवाज बताई जा रही है। कहा जा रहा है कि ये नेता बिटकॉइन घोटाले में शामिल रहे हैं और उससे होने वाली कमाई का इस्तेमाल ही चुनाव प्रचार में हो रहा है। इस बीच सुप्रिया सुले के चचेरे भाई अजित पवार का बयान आया है। उनका कहना है कि ऑडियो क्लिप में जो आवाज है, वह सुप्रिया सुले की ही है। उन्होंने कहा कि मैं सुप्रिया बहन की आवाज को अच्छे से पहचानता हूं। इसके अलावा नाना पटोले की आवाज से भी मैं परिचित हूं। इन लोगों के साथ मैंने लंबे समय तक काम किया है।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक जांच करा लेनी चाहिए। पूरी सच्चाई लोगों के सामने आ जाएगी। बारामती में वोटिंग के बाद अजित पवार ने यह बात कही। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि बारामती में परिवार की ही मेंबर मेरे सामने है। इसलिए फाइट मुश्किल है। अजित पवार ने क्लिप को लेकर कहा, ‘क्लिप में जो भी है, मैं उसके बारे में जानता हूं। मैंने इन लोगों के साथ काम किया है। इनमें से एक तो मेरी बहन ही है। इसके अलावा दूसरे नेता वह हैं, जिनके साथ मैंने लंबे समय तक काम किया है। ये उनकी ही आवाजें हैं। मैं उनकी आवाज से ही पहचान लेता हूं। इस संबंध में जांच करा ली जाए और सब कुछ सही हो जाएगा।’
महाराष्ट्र में मतदान से ठीक पहले दो विवादों की खूब चर्चा है। एक विरार के एक होटल में भाजपा के सीनियर नेता विनोद तावड़े पर कैश लेकर पहुंचने के आरोपों की और दूसरे इस ऑडियो क्लिप की। बता दें कि रविंद्रनाथ पाटिल नाम के सेवानिवृत्त वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने आरोप लगाया है कि सुले और नाना पटोले एक फ्रॉड में शामिल रहे हैं। यह मामला 2018 का है और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए पेमेंट की गई थी। इसी रकम को अब चुनाव में खर्च किया जा रहा है। उनके इस बयान को भाजपा ने हाथोंहाथ लिया था। भाजपा लीडर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि सुप्रिया सुले और पटोले घोटाले में शामिल रहे हैं और अब उस फंड का प्रयोग चुनाव नतीजों को प्रभावित करने के लिए हो रहा है।