अजित पवार बोले- खबरों ने तो डरा ही दिया, फोन किया तो पता चला कि 1 लाख से जीत गया
- अजित पवार ने कहा कि मेरे राजनीतिक सफर में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी गठबंधन को 200 से ज्यादा सीटें हासिल हुई है। इस बार के चुनाव में तो विरोधी पार्टियां शून्य ही हो गई हैं। हमने लोकसभा चुनाव की गलतियों में सुधार किया है। लेकिन आप देखें कि हमने तो सुधार किया है, पर वे अब सवाल उठा रहे हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति को बंपर जीत मिलने के बाद एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान अजित पवार ने कहा कि जनता ने फैसला कर दिया है कि असली एनसीपी कौन है। उन्होंने कहा कि हमारी तरफ से शुरू की गई लाडली बहना योजना गेमचेंजर साबित हुई। मेरे राजनीतिक सफर में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी गठबंधन को 200 से ज्यादा सीटें हासिल हुई है। इस बार के चुनाव में तो विरोधी पार्टियां शून्य ही हो गई हैं। हमने लोकसभा चुनाव की गलतियों में सुधार किया है। लेकिन आप देखें कि हमने तो सुधार किया, लेकिन जो लोकसभा रिजल्ट के बाद खुश थे, वे अब सवाल उठा रहे हैं।
इस दौरान उन्होंने शुरुआती रुझानों में खुद को पीछे दिखाए जाने पर भी चुटकी ली। अजित पवार ने कहा कि हमने महाराष्ट्र के सभी क्षेत्रों में सफलता हासिल की है। ऐसा कोई भी इलाका नहीं है, जहां हमें निराशा हुई हो। अजित पवार ने कहा कि सुबह तो खबरें चल गई थीं कि मैं पीछे चल रहा हूं, लेकिन मेरे को तो 1 लाख से ज्यादा वोट से जीत मिली है। अजित पवार ने कहा कि ऐसी खबरें चलीं कि मैं भी परेशान हुआ और फोन किया तो पता चला कि आप तो बैलेट पेपर में भी आगे चल रहे हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि लोग मीडिया पर भरोसा करते हैं।
वहीं सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि हमारा मकसद साफ था कि पूरे राज्य का विकास करना है, जिससे सभी को फायदा मिले। यह जीत हमारी योजनाओं की है। हमने लड़की बहिन योजना चलाई तो लाडला भाऊ योजना भी लेकर आए। इसके अलावा हमारी ओर से अन्य कई स्कीमें भी लाई गईं। किसानों के बिजली माफ किए तो कर्ज भी माफ कर दिए। केंद्र सरकार से भी हम लाखों करोड़ रुपये महाराष्ट्र के लिए लेकर आए। हमारे कार्यकाल में किसानों के लिए 124 सिंचाई योजनाओं की शुरुआत हुई। इन लोगों ने लोकसभा चुनाव में फेक नैरेटिव चलाया, फिर भी नरेंद्र मोदी जी पीएम बने थे।
'हमारी सरकार के दिन गिने जा रहे थे, पर हम तो वापस लौट आए'
हमने तभी कहा था कि जनता के बीच जाएंगे और अब लोगों ने जनादेश दे दिया है। हमारी सरकार आज गिरेगी या कल गिरेगी, जैसी बातें कर रहे थे। फिर भी हम लगातार काम करते रहे और आज सबको जवाब मि गया है। जनता ने बता दिया कि अब घर बैठकर या फेसबुक के जरिए सरकार नहीं चल सकती। हम तो कह ही रहे थे कि कार्यकर्ता घर में नहीं बल्कि लोगों के दरवाजे पर ज्यादा अच्छा दिखता है। 2019 में जो सरकार बननी चाहिए थी, वह नहीं बनी और लोगों को यह बात पसंद नहीं आई। इसके बाद लोगों ने तय ही कर दिया कि शिवसेना किसकी और एनसीपी किसकी है। 2019 में शिवसेना की 56 सीटें आई थीं और 2024 में भी उतनी ही सीटें हमें मिली थीं।