वोटिंग के बीच ही अजित पवार बोले- परिवार का मेंबर सामने, मुश्किल लड़ाई है
- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी परंपरागत बारामती सीट से उतरे अजित पवार सुबह ही मतदान करने पहुंचे। उन्होंने मतदान के बाद कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि महायुति की राज्य में फिर से सरकार बनेगी, जिसका वह हिस्सा हैं। वहीं उन्होंने अपनी सीट पर चुनावी मुकाबले को मुश्किल भी बताया।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी परंपरागत बारामती सीट से उतरे अजित पवार सुबह ही मतदान करने पहुंचे। उन्होंने मतदान के बाद कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि महायुति की राज्य में फिर से सरकार बनेगी, जिसका वह हिस्सा हैं। वहीं उन्होंने अपनी सीट पर चुनावी मुकाबले को मुश्किल भी बताया। उन्होंने कहा कि इसकी वजह यह है कि परिवार का ही मेंबर सामने है। अजित पवार ने कहा, 'परिवार के ही किसी सदस्य के मुकाबले चुनाव में उतरना हमेशा कठिन होता है।' इस दौरान उन्होंने भाजपा महासचिव विनोद तावड़े पर कैश बांटने के आरोपों पर भी बात की। अजित पवार ने कहा कि बारामती के लोग इस बारे में विचार करेंगे।
बारामती सीट पर अजित पवार का मुकाबला अपने भतीजे युगेंद्र पवार से ही है, जो उनके बड़े भाई श्रीनिवास के बेटे हैं। युगेंद्र पवार अपने दादा शरद पवार की पार्टी से उतरे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि अजित पवार के लिए पहली बार बारामती में इतनी टफ फाइट है। इसे लेकर अजित पवार के माथे पर चिंता की लकीरें भी देखी जा सकती हैं। हालात यह हैं कि अजित पवार ने सोमवार को प्रचार के आखिरी दिन अपनी मां को भी उतार दिया और वह उनके साथ एक रैली में पहुंचीं। अब इसे लेकर भी आपस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
श्रीनिवास पवार ने कहा कि अजित पवार ने बीमार मां तक को राजनीति में उतार दिया है, जो गलत है। उन्होंने कहा कि मेरी 87 वर्ष की मां आशा पवार का मुंबई में इलाज चल रहा था। इसके बाद भी वह उन्हें प्रचार के लिए ले आए हैं। यह कैसी राजनीति है। उन्होंने कहा कि मेरी एक दिन पहले मां से मुलाकात हुई थी। उनका कहना था कि मैं रैली में नहीं जाना चाहती। इसके बाद भी अगले ही दिन अजित पवार उन्हें ले आए। अजित पवार का इस पर कोई जवाब नहीं आया है। लेकिन उन्होंने वोट डालने के बाद इतना जरूर कहा कि जब परिवार का ही कोई सदस्य सामने होता है तो लड़ाई मुश्किल होती है।
सुप्रिया सुले ने भी इसे लेकर तंज कसा और कहा कि ताई को रैली में देखकर मैं हैरान रह गई। वह कभी राजनीतिक मंच पर नहीं गई थीं। मैंने टीवी पर देखा कि ताई भी रैली में मौजूद हैं और मास्क लगा रखा है। मैं यह सब देखकर हैरान रह गई। श्रीनिवास ने कहा कि मैं तो कभी मां से राजनीति के बारे में बात नहीं करता। उन्होंने कहा कि हम उन पर भरोसा करते हैं और वह कभी गलत फैसला नहीं लेंगी। उन्होंने कहा कि अजित पवार ने ये तरीके भाजपा के साथ जाने के बाद ही सीखे हैं। इससे पहले वह ऐसी राजनीति नहीं करते थे।