मेरे पोते जैसे हो, ऐसा भाषण मत देना कभी; शिवराज के बेटे को दिग्विजय सिंह की नसीहत
केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गढ़ बुधनी विधानसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव को भाजपा ने नाक की लड़ाई बना लिया है।
केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गढ़ बुधनी विधानसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव को भाजपा ने नाक की लड़ाई बना लिया है। भाजपा ने यहां से शिवराज के कट्टर समर्थक और विदिशा संसदीय सीट से पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव को चुनावी मैदान में उतारा है। शिवराज के बेटे कार्तिकेय यहां एक बार फिर से कमल खिलाने के लिए पार्टी के प्रचार में अग्रणी भूमिका में नजर आ रहे हैं।
बुधनी की एक चुनावी रैली के दौरान कार्तिकेय ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर इस इस चुनाव में 19-20 हुआ और गलती से भी अगर कांग्रेस का प्रत्याशी जीत गया एक भी ईंट तो बुधनी के किसी गांव नहीं लगने वाली। उन्होंने लोगों से एक बार फिर भाजपा को वोट देकर जिताने की अपील की।
कार्तिकेय की इस बात पर ऐतराज जताते हुए कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने उन्हें अपने पौते जैसा बताते हुए इस तरह के बयानों से बचने और अपने पिता से सीखने की सलाह दी है।
दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''कार्तिकेय अभी से इस प्रकार का भाषण ना दो। अपने पिता शिवराज सिंह चौहान से सीखो। लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों मिलकर भारत निर्माण में सहयोग करते हैं। 10 साल तक मैं मुख्यमंत्री रहा, लेकिन मैंने इस प्रकार की भाषा का कभी उपयोग नहीं किया आपके पिता गवाह हैं। पंचायत राज कानून में निर्माण काम करने के जिम्मेदारी सरपंच की होती है ना की विधायक की। और आप तो अभी ना सरपंच हैं ना विधायक। आप मेरे पुत्र नहीं पौत्र समान हैं। यह मेरी राय है आप मानें ना मानें आप जानें। जय सिया राम। @BJP4India''
31 साल पहले बुधनी से जीते थे राजकुमार पटेल
कांग्रेस ने बुधनी सीट से राजकुमार पटेल को प्रत्याशी बनाया है। राजकुमार पटेल जो 1993 में बुधनी से विजयी हुए थे, उन्होंने 2006 में शिवराज चौहान के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। अब उनका मुकाबला भाजपा के रमाकांत भार्गव से है। बुधनी सीट पर उपचुनाव 13 नवंबर को होना है, जबकि नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
शिवराज के इस्तीफा देने से खाली हुई सीट
बुधनी विधानसभा सीट पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की परंपरागत सीट है और नवंबर दिसंबर 2023 के विधानसभा चुनाव में वह भाजपा के टिकट पर एक बार फिर से निर्वाचित हुए थे। लेकिन बाद में विदिशा लोकसभा सीट से सांसद चुने जाने और केंद्रीय मंत्री बनने के बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। इस वजह से यह सीट खाली हो गई थी।
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