मृतक की दोस्त ने भी उसे दिया था धोखा; MP में डिजिटल अरेस्ट महिला की मौत के मामले में नया खुलासा
- अब इस मामले ने नया मोड़ तब ले लिया, जब जांच के दौरान मऊगंज पुलिस के हाथ एक अहम सुराग लगा। पुलिस की टीम ने जब मृतक महिला की बेटी से बयान लिए तो उसमें एक युवती का नाम सामने आया।
मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में हाल ही में डिजिटल अरेस्ट का एक मामला सामने आया था, जिसकी शिकार महिला ने जहर खाकर मौत को गले लगाया था। इस मामले की जांच के दौरान मऊगंज पुलिस को एक नई बात पता चली, जिसके बाद उसने एक युवती को गिरफ्तार कर लिया। यह युवती कोई और नहीं डिजिटल अरेस्ट के बाद अपनी जान गंवाने वाली मृतिका रेशमा पाण्डेय की खास सहेली है। पुलिस के मुताबिक इस युवती ने जालसाजों को देने के लिए रेशमा के दिए 5500 रूपए डकार लिए थे, जिसके चलते राजस्थान में बैठे जालसाज रेशमा पर दबाव बनाते रहे और अंत में तंग आकर रेशमा ने खुदकुशी कर ली।
बीती 6 जनवरी को मऊगंज जिले से डिजिटल अरेस्ट का एक मामला सामने आया था। जिसमें पन्नी गांव में स्थित शासकीय हाई स्कूल में अतिथि शिक्षिका के पद पर पदस्थ रेशमा पाण्डेय को शिकार बनाया गया था। साथ ही जिसके बाद घुरेहटा वार्ड क्रमांक 12 में रहने वाली रेशमा ने जहर खा लिया था। उसे गंभीर हालत में रीवा के संजय गांधी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई थी। घटना के बाद परिजनों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी थी। पुलिस टीम मामले की जांच कर ही रही थी, इसी दौरान चौंका देने वाला खुलासा हुआ।
रीवा संभाग के डीआईजी साकेत प्रकाश पाण्डेय ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि मृतिका रेशमा पाण्डेय को जालसाजों ने इंस्टाग्राम पर संपर्क करते हुए पुराने सिक्कों को बदलने का ऑफर दिया था और कहा था कि पुराने सिक्कों के बदले करोड़ों रूपए दिए जाएंगे। इसके बाद महिला उन जालसाजों के जाल में फंसती चली गई।
महिला को जब ठगी का अहसास हुआ तो उसने जालसाजों से पुलिस के पास जाने की बात कही। लेकिन बदमाश अपनी मांग पर अड़े रहे और उसे चोरी के इल्जाम में फंसाकर जेल भेजने की धमकी देते रहे। जिससे परेशान होकर महिला ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। मामले में जांच शुरू करते हुए पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई। इस दौरान पुलिस की टीम ने राजस्थान के अलवर जिले से 3 जालसाजों को दबोच लिया और उन्हें गिरफ्तार करके मऊगंज ले आई।
मृतक की बेटी के बयान से आ गया नया मोड़
अब इस मामले ने नया मोड़ तब आ गया, जब जांच के दौरान मऊगंज पुलिस के हाथ एक अहम सुराग लगा। पुलिस की टीम ने मृतक की बेटी से बयान लिए जिसमें एक युवती का नाम सामने आया। यह युवती आंचल तिवारी थी जो कि मृतिका रेशमा पाण्डेय की सहेली थी और उसी गांव में रहती है। आंचल तिवारी मृतिका के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती थी, जिसकी वजह से उसका रेशमा के घर भी आना-जाना रहता था। पुलिस ने बताया कि रेशमा ने अपना मंगलसूत्र गिरवी रखकर उससे मिले पैसों को जालसाजों को ट्रांसफर करने के लिए आंचल को दिया था। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।
जालसाजों को पैसे देने आंचल को दिया था लॉकेट
इस बारे में पुलिस को दिए अपने बयान में आंचल तिवारी ने बताया कि 4 जनवरी को रेशमा पाण्डेय ने जालसाजों का भेजा एक क्यूआर कोड आंचल को भेजा था, जिसके बाद आंचल ने अपने पुरुष दोस्त से ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करवाने की बात कही थी। आंचल ने रेशमा को यह भी बताया कि यह एक फ्रॉड क्यूआर कोड है, जिसका इस्तेमाल ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले करते हैं। इसके बाद जब अगले दिन रेशमा के पास आरोपियों को देने के लिए पैसे नही बचे तो उसने अपने मंगलसूत्र का लॉकेट आंचल को गिरवी रखने के लिए दे दिया। लॉकेट की कीमत करीब साढ़े पांच हजार रुपए थी।
आंचल ने फर्जी स्क्रीनशॉट रेशमा को दिखा दिया
इसके बाद आंचल ने रेशमा को बताया कि उसने वो लॉकेट गिरवी रखकर उससे मिले पैसे जालसाजों को भेज दिए हैं। हालांकि इसके बाद भी आरोपी लगातार फोन करके रेशमा को धमका रहे थे। पुलिस के मुताबिक आंचल ने वो 5500 रुपए ट्रांसफर किए ही नहीं थे। बल्कि उसने उसी तारीख के एक अन्य ट्रांजेक्शन को एडिट करके उसका स्क्रीन शॉट रेशमा के मोबाइल पर भेज दिया था और लॉकेट बेचकर पैसे अपने पास रख लिए थे।
आंचल के पास मिला मृतक रेशमा का लॉकेट
पैसे नही मिलने पर जालसाज भी लगातार रेशमा पर दबाव बनाने लगे, जिसके बाद रेशमा ने आहत होकर जहर खा लिया था, जिससे उसकी मौत हो गई। इस घटना की खबर जब आंचल को हुई तो उसने अपने मोबाइल से उस फर्जी क्यूआर कोड को डिलीट कर दिया और तत्काल रेशमा के घर गई और उसके मोबाइल से भी भेजे गए स्क्रीन शॉट को झट से डिलीट कर दिया और बाकी के 5500 रूपए रेशमा के बच्चों को देकर वापस आ गई। पुलिस के मुताबिक आंचल तिवारी ने रेशमा के मंगलसूत्र के उस लॉकेट को अपने पास ही रखा था, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है।
रीवा से सादाब सिद्दीकी
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