Hindi Newsमध्य प्रदेश न्यूज़Why do we sacrifice goats on Eid, donate money; Bageshwar Baba on wastage of oil in diya

ईद में क्यों काटते हैं बकरे, पैसा दान कर दिया करो; दीये में तेल की बर्बादी की दलील पर बोले बागेश्वर बाबा

  • बाबा बागेश्वर ने कहा- 1 जनवरी को इनका ज्ञान फिर गायब हो जाता है, हैपी न्यू ईयर के नाम से पूरी दुनिया में पटाखे जलाए जाते हैं, तब प्रदूषण नहीं होता है।

Sourabh Jain हिन्दुस्तान टाइम्सTue, 29 Oct 2024 11:16 PM
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मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दीपावली पर पटाखे ना जलाने की सलाह देने वाले लोगों को दोगला बताया है और उन्हें अन्य धर्मों के त्योहारों को लेकर भी रोकटोक करने की चुनौती दी है। शास्त्री का कहना है कि सनातन हिंदू धर्म के त्योहार आते ही कुछ महामूर्ख लोग तमाम सलाह देने लगते हैं, लेकिन अन्य धर्मों के त्योहारों जैसे बकरा ईद या क्रिसमस आने पर किसी तरह की सलाह नहीं देते।

बाबा बागेश्वर ने ये बातें तब कहीं, जब एक रिपोर्टर ने उनसे पूछा कि अक्सर देखा जाता है कि हिंदू त्योहार आते हैं तो किसी ना किसी के द्वारा पटाखे ना जलाने, रंगों से ना खेलने या पानी ना बहाएं की सलाह दी जाती है, जबकि अन्य धर्मों के त्योहारों पर कोई बात नहीं करता। रिपोर्टर ने इस बारे में उनका विचार पूछा था।

बागेश्वर बाबा बोले- यह देश का दुर्भाग्य

जवाब में बागेश्वर बाबा ने कहा, 'ये देश का दुर्भाग्य है, जब भी सनातन हिंदू धर्म के त्योहार आते हैं, कोई ना कोई कानून के अड़ंगा की बात करता है, रोक लगाता है, रोक लगाने की मांग करता है, कल ही हमने एक न्यूज देखी थी, उसमें किसी ने कहा है कि जितने दीयो में तेल जलाया जाता है, घी जलाया जाता है, उतना अगर गरीबों में बांट दें तो गरीबों का भला हो जाएगा। हम उन महाशय, महामूर्खानंद को कहना चाहते हैं कि इस देश में बकरा ईद भी तो मनाई जाती है, बकरा ईद बंद करवा दो, उतना रुपया जो लाखों बकरे काटे जाते हैं, जीव हिंसा भी बचेगी और उन रुपयों को गरीबों में बांट दो।'

बाबा बोले- खून-खराबे वाले त्योहार नहीं दिखते

आगे उन्होंने कहा, 'एक साहब ने कहा कि पटाखों से प्रदूषण होता है। 1 जनवरी को इनका ज्ञान फिर गायब हो जाता है, हैपी न्यू ईयर के नाम से पूरी दुनिया में पटाखे जलाए जाते हैं, तब प्रदूषण नहीं होता है। लेकिन दीपावली आती है तो प्रदूषण होता है, होली आती है तो पानी खराब होता है। लेकिन जब खून-खराबा होता है तब ये नहीं मानते, तब ये बयान नहीं देते, तब ये रोक लगाने की मांग नहीं करते, तब ये कानून लाने की बात नहीं करते। ये दो पक्षीय नियम लगाने की जो बातें करते हैं, ऐसे लोगों के ऊपर ही हमें सुतली बम रखवाना है। भैया हम तो दिवाली अच्छे से मनाएंगे, हमने सुतली बम भी खरीद लिया है।'

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