Hindi Newsमध्य प्रदेश न्यूज़Supreme Court said your Child is not Chattel junks Parents Plea

आप बच्चे को प्रॉपर्टी समझते हैं; बेटी की शादी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे माता-पिता, क्यों लगी फटकार

  • इस मामले में लड़की के पिता ने अपनी 16 साल की बेटी की गुमशुदगी की एफआईआर दर्ज कराई थी। उनका आरोप था कि एक शख्स ने उनकी बेटी को बहला फुसला कर उसका अपहरण कर लिया है।

पीटीआई Fri, 13 Dec 2024 06:40 PM
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सुप्रीम कोर्ट ने एक महिला के माता-पिता की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने उसके पति के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई किए जाने की मांग की हैं। माता पिता का आरोप है कि शादी केसमय उनकी बेटी नाबालिग थी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार याचिका खारिज करते हुए कहा कि बच्चा कोई संपत्ति नहीं है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार ने कहा कि शादी के समय लड़की नाबालिग नहीं थी और उसके पति के खिलाफ एफआईआर इसलिए दर्ज हुई क्योंकि मां-बाप ने शादी स्वीकार नहीं की थी।

चीफ जस्टिस ने कहा, आपको कैद करने का अधिकार नहीं है। आपको अपने बालिग बच्चे का रिश्ता स्वीकार नहीं है। आप अपने बच्चे को अपनी संपत्ति समझते हैं। बच्चा कोई संपत्ति नहीं है। अपनी बच्ची की शादी स्वीकार कीजिए। माता-पिता ने कोर्ट में बेटी का जन्मतिथि प्रमाणपत्र पेश किया था जिसमें कोर्ट ने कई सारी खामियां पाईं। कोर्ट ने कहा कि वह मामले को आगे नहीं बढ़ा रही।

कोर्ट ने कहा, हम हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते। इससे पहले 16 अगस्त को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की एक पीठ ने नाबालिग के कथित अपहरण और यौन उत्पीड़न से जुड़े मामले में महिदपुर के एक निवासी के खिलाफ एफआईआर रद्द कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करना नहीं चाहती।

बता दें, इस मामले में लड़की के पिता ने अपनी 16 साल की बेटी की गुमशुदगी की एफआईआर दर्ज कराई थी। उनका आरोप था कि एक शख्स ने उनकी बेटी को बहला फुसला कर उसका अपहरण कर लिया है।

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