Hindi Newsमध्य प्रदेश न्यूज़Worship of Lord Dhanvantari in medical colleges of Madhya Pradesh controversy broke out

मध्य प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में भगवान धन्वंतरि की पूजा, छिड़ा विवाद

डॉ अनुराग गुप्ता ने कहा, 'कई मौकों पर प्रार्थना और मेडिटेशन मरीज को खराब स्वास्थ्य से उबरने में मदद करता है, लेकिन इस तरह की पूजा (धनवंतरी की) एक तरह का एजेंडा आगे बढ़ाने का प्रयास है।'

Vishva Gaurav हिंदुस्तान टाइम्स, भोपाल।Sun, 23 Oct 2022 10:42 AM
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मध्य प्रदेश के सभी 10 मेडिकल कॉलेजों में शनिवार को धनतेरस के अवसर पर 'आयुर्वेद के देवता' कहे जाने वाले पौराणिक देवता भगवान धन्वंतरि की विशेष पूजा की गई। मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग भोपाल के गाँधी मेडिकल कॉलेज में पूजा-अर्चना हुए और प्रदेशवासियों के उत्तम स्वास्थ्य की कामना की। हालांकि इस कार्यक्रम की डॉक्टरों के एक वर्ग और विपक्षी दलों ने आलोचना की।

दरअसल विश्वास कैलाश सारंग के आह्वान पर मध्यप्रदेश में पहली बार चिकित्सा महाविद्यालयों में धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि का पूजन की गई। इस दौरान सारंग ने कहा कि समुद्र मंथन के दौरान धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि अमृत कलश और जड़ी-बूटियां लेकर प्रकट हुए थे। शास्त्रों के अनुसार उनके आशीर्वाद से ही निरोगी काया और स्वास्थ्य का वरदान मिलता है। हमारे चिकित्सा महाविद्यालय भी वह प्रकल्प हैं जहां हम चिकित्सकों का निर्माण कर जनता को निरोगी काया और स्वास्थ्य लाभ देते हैं। इसी मंतव्य के साथ धनतेरस पर प्रदेश के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में स्वस्थ मध्य प्रदेश के निर्माण के लिए भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना की गई है। 

आगे भी जारी रहेगी परंपरा: सारंग
सारंग ने बताया कि धनतेरस के अवसर पर संपूर्ण मध्य प्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों में धन्वंतरि देव की पूजा की गई। इसका एक मात्र उद्देश्य यह है कि चिकित्सक जो पीड़ित मानवता की सेवा के संकल्प के साथ जीते हैं, उन्हें भगवान धन्वंतरि जी का आशीर्वाद प्राप्त हो एवं चिकित्सा महाविद्यालयों से संबद्ध अस्पतालों में स्वास्थ्य लाभ ले रहे मरीजों को निरोगी काया का वरदान मिले। सारंग ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा विभाग की यह पहल अनवरत जारी रहेगी। अब हर वर्ष धनतेरस पर प्रदेश के समस्त चिकित्सा महाविद्यालयों में स्वास्थ्य के देवता भगवान श्री धन्वंतरि का विधिवत पूजन किया जाएगा। 

आईएमए ने भी की आलोचना
दूसरी ओर इस कार्यक्रम की डॉक्टरों और विपक्षी दल कांग्रेस ने तीखी आलोचना की। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जूनियर डॉक्टरों के नेटवर्क के पूर्व अध्यक्ष डॉ अनुराग गुप्ता ने कहा, 'कई मौकों पर प्रार्थना और मेडिटेशन मरीज को खराब स्वास्थ्य से उबरने में मदद करता है, लेकिन इस तरह की पूजा (धनवंतरी की) एक तरह का एजेंडा आगे बढ़ाने का प्रयास है।' उन्होंने कहा, 'सभी मेडिकल कॉलेजों में इस तरह की सामूहिक पूजा करने से कुछ हासिल नहीं होगा। अध्यात्मवाद, धर्म और चिकित्सा विज्ञान की यह ओवरलैपिंग करने से सिर्फ भ्रम पैदा करेगा और अंधविश्वास बढ़ेगा।'

डॉक्टर बोले- अच्छा होता अगर स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करते
भोपाल के एक प्रसिद्ध ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ श्याम अग्रवाल ने भी कुछ इसी तरह के विचार दिए। उन्होंने कहा, 'हर कोई उस भगवान की पूजा करता है जिसे वह घर पर मानता है। लेकिन मेडिकल कॉलेजों में ऐसी पूजा करने की क्या जरूरत है जहां डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और जूनियर डॉक्टरों के पास मरीजों को देखने के लिए हर एक मिनट महत्वपूर्ण होता है।' उन्होंने कहा, 'यदि वे वास्तव में कुछ करना चाहते हैं, तो उन्हें स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार करना चाहिए। इससे लोग स्वस्थ भी रहेंगे और भगवान भी प्रसन्न होंगे।'

... तो बच गई होती 2.5 लाख लोगों की जान: सारंग
कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर 'हिंदुत्व के एजेंडे' को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया। एमपी कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता जितेन्द्र मिश्रा ने कहा, 'भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद के देवता हैं। अगर भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने कोविड -19 से पहले उनकी पूजा करना शुरू कर दिया होता और पिछले 18 सालों में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार किया होता, तो कोरोना के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में मरने वाले 2.5 लाख लोगों की जान बच गई होती।

भाजपा बोली- हम करते हैं भारतीय परंपराओं का सम्मान
वहीं दूसरी ओर भाजपा प्रवक्ता हितेश बाजपेयी ने कहा कि हम भारतीय परंपरा को महत्व देते हैं और भगवान धनवंतरी का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा, 'यह आस्था का मामला है और किसी को भी पूजा करने के लिए बाध्य नहीं किया गया।'

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