व्यापम घोटाले में फैसला, आरक्षक भर्ती परीक्षा के मूल परीक्षार्थी व मुन्ना भाई को सात-सात साल की सजा
मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले में 2013 की आरक्षक भर्ती परीक्षा के एक मामले में विशेष न्यायालय ने फैसला सुनाया है। इसमें मूल परीक्षार्थी और उसके एवज में परीक्षा देने वाले मुन्ना भाई को अदालत...
मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले में 2013 की आरक्षक भर्ती परीक्षा के एक मामले में विशेष न्यायालय ने फैसला सुनाया है। इसमें मूल परीक्षार्थी और उसके एवज में परीक्षा देने वाले मुन्ना भाई को अदालत ने सात-सात साल की सजा सुनाई है। दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।
मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) में पीएमटी, पीईटी सहित कई सरकारी नौकरियों के लिए हुई परीक्षाओं में गड़बड़ी हुई थी जिसकी पहले मध्य प्रदेश पुलिस की जिला व एसटीएफ ने जांच की थी। इसके बाद सीबीआई को यह मामले सौंपे गए थे। भोपाल के विशेष न्यायालय की न्यायाधीश नीतिराज सिंह सिसौदिया ने इसमें से एक मामले में शुक्रवार को सजा सुनाई है। दोनों अभियुक्तों को अदालत ने सात-सात साल की सजा सुनाई है। हालांकि सत्यनारायण को 15 फरवरी 2014 से सात जुलाई 2015 और लक्ष्मीनारायण को 20 जुलाई 2016 से 27 अगस्त 2016 तक इस मामले में जेल हो चुकी है। अदालत ने दोनों अभियुक्तों द्वारा जेल में बिताई गई उक्त अवधि को सात साल की सजा में समायोजित करने के आदेश भी दिए हैं।
यह है मामला
आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 में सत्यनारायण यादव नामक के युवक ने सिपाही बनने के लिए फार्म जमा किया था। मगर सत्यनारायण यादव ने इस परीक्षा में स्वयं बैठने के बजाय अपने स्थान पर लक्ष्मीनारायण यादव को बैठा दिया। लक्ष्मीनारायण यादव की वजह से सत्यनारायण परीक्षा में पास हो गया। इसके बाद व्यापम घोटाले के इस मामले की जांच हुई तो उन्हें सरकारी दस्तावेजों में छेड़छाड़ करने, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का आरोपी बनाया गया। उनके खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468 व 471 सहित धारा 120 बी और मध्य प्रदेश परीक्षा मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम में मामला बनाकर अदालत में चालान पेश किया था।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।