उज्जैन में बच्चों के लिए अनोखा समर कैंप, मिल रहा गीता के साथ संस्कारों का ज्ञान
शिविर में 6 से 15 आयु वर्ग के करीब 75 स्टूडेंट्स हिस्सा ले रहे हैं। उम्र और रुचि के अनुसार दो वर्गों में बांट कर इनका प्रशिक्षण किया जा रहा है। यहां यज्ञ करना और गीता अध्ययन भी सिखाया जा रहा है।
मध्य प्रदेश के उज्जैन में गायत्री शक्तिपीठ की ओर से स्टूडेंट्स के लिए ग्रीष्मकालीन संस्कार शिविर (समर कैंप) का आयोजन किया गया है। शिविर में 6 से 15 आयु वर्ग के करीब 75 स्टूडेंट्स हिस्सा ले रहे हैं। उम्र और रुचि के अनुसार दो वर्गों में बांट कर इनका प्रशिक्षण किया जा रहा है। इन स्टूडेंट्स को यहां यज्ञ करना और गीता अध्ययन भी सिखाया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक, समर कैंप में व्यक्तित्व विकास के लिए खेलकूद, अभिव्यक्ति और रुचिकर स्वस्थ मनोरंजन भी कराया जा रहा है। 9 मई से प्रारंभ हुए इस संस्कार शिविर को 31 मई तक आयोजित किया जाना था, लेकिन विद्यार्थियों और अभिभावकों के आग्रह पर इसे 5 जून तक बढ़ाया जाएगा। शिविर का संचालन आशा सेन, लक्ष्मी कांडे, सोनू सोलंकी कर रहे हैं।
बच्चों की रुचि के अनुसार शिक्षा
शिविर संचालक मंजू त्रिपाठी का कहना है कि संस्कार शिविर में आने वाले छोटे से छोटे बच्चों को रुचि के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें योग, प्राणायाम, गीता अध्ययन, यज्ञ संस्कार विधि, नैतिक शिक्षा दी जा रही है। ज्ञान संवर्धन के प्रति आस्था ही विद्यार्थी का जीवन गौरव है। इसके लिए समुचित तत्परता और तन्मयता का उपयोग करना पड़ता है। यह सद्गुण शिक्षा प्राप्ति के साथ-साथ बढ़ते जाएं तो उसमें सफलता के साथ-साथ स्वभाव को प्रगतिशील बनाने का दोहरा लाभ मिलता है। उन्होंने कहा कि शहर का यह पहला शिविर है, जिसमें खेलकूद मस्ती के साथ बच्चों को गीता, योग, यज्ञ, हवन, पूजन, श्लोक का पाठ याद कराया जा रहा है। संस्कार शिविर में आने वाले 6 से 15 वर्ष तक के बच्चे लगन से अध्यात्म के पाठ सीख रहे हैं।
(उज्जैन से विजेन्द्र यादव की रिपोर्ट)
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