Hindi Newsमध्य प्रदेश न्यूज़Ujjain rape case survivor 12 yr old girl was close to death when pleading for help

मौत की दहलीज पर थी, इलाज में देरी से जा सकती थी जान; उज्जैन रेप पीड़िता की कंडीशन पर क्या बोले डॉक्टर ?

सूत्रों ने बताया,''जब भी लड़की को होश आता है, तो वह अपनी मां और अपनी स्कूल यूनिफॉर्म (जो उसने बलात्कार के समय पहनी हुई थी) को याद करती है और फिर चीख-चीखकर रोने लगती है। घटना से उसे गहरा सदमा लगा है।

Abhishek Mishra लाइव हिन्दुस्तान, उज्जैनSat, 30 Sep 2023 12:50 PM
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उज्जैन में बीते दिनों हुई घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया। दरिंदगी का शिकार हुई 12 साल की मासूम खून से लथपथ, बिना कपड़ों के दर-दर मदद की गुहार लगाती रही। किसी ने देखकर दरवाजा बंद कर लिया तो किसी ने गेट तक नहीं खोला। गनीमत रही कि एक पुजारी मदद के लिए सामने आया। लड़की को कपडे दिए और फिर पुलिस को घटना की जानकारी दी। अस्पताल में लड़की को भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया है हालांकि लड़की की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर कुछ सूत्रों ने घटना का हाल और लड़की की कंडीशन के बारे में बताया है। लड़की की हालत बेहद गंभीर थी और अगर उसे अस्पताल में उस वक्त भर्ती न कराया जाता तो उसकी मौत हो जाती। लड़की के प्राइवेट पार्ट में गंभीर घाव और चोट है। डॉक्टरों के मुताबिक जिस वक्त लड़की को अस्पताल में लाया गया, वो मौत की दहलीज पर थी; अगर इलाज में देर हो जाती तो पीड़िता की जान बचा पाना नामुमकिन हो जाता। 

सूत्रों ने बताया कि पीड़िता का ऑपरेशन किया गया है और उसके जल्द ठीक होने की उम्मीद है, हालांकि वह अभी भी गहरे सदमे और पीड़ा में है। जब भी उसे होश आता है, तो वह अपनी मां और अपनी स्कूल यूनिफॉर्म (जो उसने बलात्कार के समय पहनी हुई थी) को याद करती है और फिर चीख-चीखकर रोने लगती है। दृश्य देखकर आंखों में आंसू भर आते हैं। पीड़िता की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी और घटना से उसे गहरा सदमा लगा है। 

घटना के बारे में परिजनों का कहना है रविवार की रात जब परिजन गुमशुदगी की शिकायत और FIR दर्ज कराने गए तो सतना जिले के उनके गांव में पुलिस ने शिकायत लेने से इनकार कर दिया। पुलिस ने उनसे खुद ही उसे ढूंढने और 24 घंटे बीतने के बाद एफआईआर लिखने की बात कही। 

सतना पुलिस पर लापरवाही का आरोप

पीड़िता बच्ची के परिजन गुरुवार को उज्जैन पहुंचे और कथित तौर पर समय पर अपहरण की शिकायत दर्ज नहीं करने के लिए सतना पुलिस पर आरोप लगाया। परिजनों ने बताया कि "मानसिक रूप से अस्थिर" होने के बारे में बताने के बावजूद पुलिस ने शिकायत दर्ज नहीं की।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक फोन पर बात करते हुए पीड़िता के चाचा ने कहा कि रविवार को जब उसके दादा मवेशी चराने गए थे तो वह बिना बताए घर से निकल गई। दोपहर बाद जब उन्होंने उसे लापता देखा तो परिवार चिंतित हो गया और उसकी तलाश शुरू कर दी। शिकायत दर्ज कराने के लिए वे रात 10 बजे स्थानीय पुलिस के पास गए। चाचा ने बताया कि थाना प्रभारी ने कथित तौर पर उनसे कहा कि वे खुद ही उसकी तलाश करें और अगर वह नहीं मिले तो 24 घंटे के बाद वापस आएं। परिवार ने पूरी रात रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप और अन्य इलाकों में उसकी तलाश की लेकिन सफलता नहीं मिली। वे वापस पुलिस के पास गए और इस बार एफआईआर दर्ज की गई। परिजनों ने कहा कि अगर रविवार को सभी स्टेशनों पर अलर्ट जारी कर दिया गया होता तो उसे बचाया जा सकता था।

सतना से कैसे पहुंची उज्जैन?

सतना से बच्ची उज्जैन कैसे पहुंची इस बारे में बताते हुए सतना के पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता ने बताया,"बच्ची बस से अपने गांव के पास छोटे रेलवे स्टेशन गई और सोमवार सुबह 9:50 बजे अकेले आनंद विहार ट्रेन में चढ़ गई। वह सुबह 10:15 बजे सतना स्टेशन (42 किमी दूर) पर उतरी और लगभग 11 बजे क्षिप्रा एक्सप्रेस में चढ़ गई। अगले दिन सुबह 10 बजे उज्जैन (720 किमी दूर) पहुंच गई।'' एसपी ने कहा कि बच्ची के दादा ने अपनी शिकायत में उल्लेख किया है कि लड़की 'मानसिक रूप से अस्थिर' है और अपने गांव या अपने परिवार के किसी सदस्य का नाम बताने में सक्षम नहीं है।

पीड़िता के चाचा ने कहा कि जब वह दो साल की थी तो उसकी मां ने उसे छोड़ दिया था और उसके पिता मानसिक रूप से अस्थिर हैं। दो साल पहले, उसकी दादी, जिन्हें वह अपनी मां मानती थी, उनकी मृत्यु हो गई, जिससे वह और सदमे में चली गई। यह वह दादी है जिसे वह तब याद करती होगी जब वह होश में आती है और बेहोश होती है।

गैंगरेप की पुष्टि नहीं

लड़की की चोट की गंभीरता को देखते हुए गैंगरेप की आशंका जताई जा रही है। हालांकि उज्जैन पुलिस ने इस बात को नकार दिया है। उज्जैन के एसपी सचिन शर्मा ने कहा, "मामले की जांच लगभग पूरी हो चुकी है। हमें केवल परिस्थितिजन्य और चिकित्सा साक्ष्य इकट्ठा करना है जिसके बाद चालान अदालत में पेश किया जाएगा।"

पुलिस ने यौन उत्पीड़न के आरोप में एक ऑटो चालक और साक्ष्य छुपाने के आरोप में एक अन्य चालक को गिरफ्तार किया है। उज्जैन पुलिस ने यह नहीं बताया कि लड़की को कितनी चोटें आई हैं, लेकिन कहा कि उसे सबसे अच्छा इलाज मिल रहा है। शर्मा ने कहा, "उनकी हालत खतरे से बाहर है और वह लगातार निगरानी में हैं।"

एमटीएच अस्पताल प्रभारी डॉ. पीएस ठाकुर ने एक स्वास्थ्य बुलेटिन जारी किया जिसमें कहा गया है कि 26 सितंबर को उनकी सर्जरी हुई थी। "पिछले तीन दिनों में उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। स्त्री रोग विशेषज्ञ,एक बाल रोग विशेषज्ञ और एक मनोचिकित्सक लड़की की देखभाल कर रहे हैं। वह तरल आहार पर है। उसका स्वास्थ्य स्थिर है।"

 

 

 

 

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