उदयनिधि भी कोरोना, डेंगू की औलाद..., DMK नेता के सनातन धर्म वाले बयान पर क्या बोले कथा वाचक प्रदीप मिश्रा
वही धर्म और राजनीति को लेकर कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ने कि यह तो शुरू से रहा है। धर्म में राजनीति हमेशा रही है चाहे जनक महाराज रहे हो या विक्रमादित्य रहे हो राजनीति धर्म के साथ ही रही है।
सनातन धर्म को लेकर तमिलनाडू के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और डीएमके सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के बयान के बाद से हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक कई हस्तियों की प्रतिक्रिया इसपर आ चुकी है। अब मशहूर कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है। प्रदीप मिश्रा ने कहा कि उनके माता-पिता से पूछा जाए कि क्या वो सनातन नहीं थे। उनके दादा-परदादा सनातन नहीं थे। अगर सनातन धर्म को डेंगू, मलेरिया और कोरोना कहते हैं तो वो भी तो कोरोना और डेंगू की औलाद ही कहलाएंगे।
एमपी के छिंदवाड़ा में पूर्व सीएम कमलनाथ के आमंत्रण पर प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा शिव महापुराण करने पहुंचे हैं। यह कथा 5 सितंबर से 9 सितंबर तक चलेगी। इस कथा के मुख्य आयोजक पूर्व सीएम कमलनाथ और उनके बेटे सांसद नकुलनाथ हैं। कथा के तीसरे दिन पंडाल पर पहुंचने से पहले पत्रकारों के सवाल का जबाब देते हुए उन्होंने कहा कि जो सनातन धर्म को डेंगू, मलेरिया और कोरोना कह रहा है उससे पूछा जाए वो किसकी औलाद है, उनके पूर्वज कौन थे। वंही धर्म और राजनीति को लेकर उन्होंने कहा कि यह तो शुरू से रहा है। धर्म में राजनीति हमेशा रही है चाहे जनक महाराज रहे हों या विक्रमादित्य रहे हों राजनीति धर्म के साथ ही रही है।
छिंदवाड़ा में चल रही शिवपुराण कथा के पहले दिन प्रदीप मिश्रा ने कमलनाथ की तारीफ करते हुए कहा था कि हनुमान मंदिर बना कर कमलनाथ ने पावन कार्य किया है। यहां उन्होंने हनुमान जी की 101 फीट मूर्ति का पूजन करने के साथ कहा कि जिसे जनता चुनती है वह संसद में बैठता है और जिसे भोले नाथ चुनते हैं वह सत्संग में बैठता है। सरकारी भवन बनाने में राजनेता चुना जाता है। भगवान का मंदिर बनाने के लिए भगवान खुद भक्त को चुनते है।
रिपोर्ट : विजेन्द्र यादव
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