MP के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले में पांच को और सजा, तीन सिपाही-दो मुन्ना भाई को सात साल का कारावास
मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले में पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा 2012 के पांच आरोपियों को अदालत ने सजा सुनाई है। इनमें तीन सिपाही और दो वे मुन्ना भाई हैं जो दूसरे लोगों के नाम से परीक्षा दे...
मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले में पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा 2012 के पांच आरोपियों को अदालत ने सजा सुनाई है। इनमें तीन सिपाही और दो वे मुन्ना भाई हैं जो दूसरे लोगों के नाम से परीक्षा दे रहे थे।
राज्य सरकार ने जिस व्यावसायिक परीक्षा मंडल का नाम बदलकर कर्मचारी चयन बोर्ड कर दिया है, उसके बहुचर्चित व्यापमं घोटाले के एक मामले में अदालत ने सजा सुनाई है। पुलिस की सिपाही भर्ती परीक्षा 2012 में यह फैसला हुआ है। सीबीआई ने 10 अगस्त 2015 को एक मामला दर्ज किया था। सुप्रीम कोर्ट के सीबीआई को जांच सौंपने के पहले यह मामला एसटीएफ मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज किया गया था।
आरोपियों को सजा
व्यापमं मामले में भोपाल जिला अदालत के विशेष न्यायाधीश ने सिपाही भर्ती परीक्षा 2012 में तीन प्रत्याशियों और दो परनामधारी अभियुक्तों को सजा देने का फैसला सुनाया। अदालत ने सिपाही भर्ती परीक्षा पास करने के बाद नौकरी कर रहे अनेकाराम, नरसिंह व गिरिराज सहित दो परनामधारी राजूकुमार व नवलकुमार को मामले में दोषी पाया। इन्हें सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई और जुर्माना भी किया है। अदालत ने चार मध्यस्थों को बरी कर दिया है।
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