SDM के दफ्तर से उठा ले गए कुर्सी, टेबल और कंप्यूटर, कोर्ट ने क्यों दिया कुर्की का आदेश
इस केस के प्रमुख आवेदक एडवोकेट कपिल त्यागी ने बताया कि फरवरी 2023 में न्यायालय ने बढ़ा हुआ मुआवजा देने का आदेश शासन को दिया था। मगर शासन या एमपीआरडीसी ने कोई कार्रवाई नहीं की। अब कोर्ट ने आदेश दिया है
मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में न्यायालय ने एसडीएम कार्यालय का सामान कुर्क करने के आदेश जारी किए हैं। एडीजे न्यायलय के आदेश के बाद सिरोंज एसडीएम कार्यालय का सामान कुर्क कर लिया गया। आदेएश के बाद SDM कार्यालय में रखे कुर्सी, टेबल और कंप्यूटर को जब्त कर लिया गया। यह सभी सामान न्यायालय परिसर में ले जाकर रख दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि कोर्ट के आदेश की अवहेलना हुई थी जिसके बाद कोर्ट ने कुर्की का यह आदेश दिया है।
यह पूरा मामला साल 2011 में सिरोंज गुना हाइवे से जुड़ा हुआ है। इस हाईवे पर रोहलपुरा चैराहे के आसपास 82 लोगों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ( एम पी आर डी सी) ने इस रोड का निर्माण किया था और एमपीआरडीसी के लिए तत्कालीन एसडीएम ने भू अर्जन का कार्य किया था। लेकिन कुछ लोगों को मुआवजा बहुत कम लगा और वे इसे मामले को लेकर अदालत चले गए।
इस केस के प्रमुख आवेदक एडवोकेट कपिल त्यागी ने बताया कि फरवरी 2023 में न्यायालय ने बढ़ा हुआ मुआवजा देने का आदेश शासन को दिया था। मगर शासन या एमपीआरडीसी ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद न्यायायल के आदेश पर एसडीएम कार्यालय के टेबल, कुर्सी और कंप्यूटर आदि जब्त कर न्यायालय परिसर में रख दिए गए। सिरोंज में अपने तरह का यह पहला मामला था। SDM कार्यालय में कोर्ट के आदेश पर हुई इस कार्रवाई को लोगो ने कौतूहल से देखा।
एडवोकेट कपिल त्यागी को साल 2011 में करीब 40 हजार रुपये का मुआवजा देना तय हुआ था। जिसके खिलाफ वे अदालत गए। फरवरी 2023 में न्यायालय ने अपने आदेश में कपिल त्यागी को 2,90,5200 रुपए देने का आदेश दिया था। जो की प्रतिकर, तोषण राशि सहित 1 करोड़ 9 लाख 32 हजार रुपए हो चुकी है। इसी तरह एक अन्य शख्स अशोक जैन ख़र्चा को 2011 में करीब 30 हजार रुपये मुआवजा फाइनल किया गया था जो न्यायालय के आदेश से बढ़कर 8030452 रुपया हो गया। इसी तरह ओमप्रकाश झा को 9434885 रुपये, रूपेश यादव को 93,45874 रुपये , अर्चना भार्गव को 11,17535 रुपए का मुआवजा देने का आदेश न्यायालय द्वारा दिया गया है।
इस पूरे मामले में विदिशा कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैध ने कहा कि इस पूरे मामले में मोटी पगार पा रहे अधिकारियों की गलती स्पष्ट नजर आ रही है । उन्होंने न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश पर ध्यान नहीं दिया एवं न्यायालय के आदेश के बावजूद भी आदेश के पालन में या विरोध में न्यायालय में अपील करना तक उचित नही समझा। यह उसी का नतीजा है कि एसडीएम कार्यालय के समान न्यायालय द्वारा कुर्क कर लिए गए।
रिपोर्ट : विजेंद्र यादव
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