सुअरों को मारने की तैयारी, सैकड़ों पशु इस बुखार से संक्रमित; केंद्र सरकार देगी मुआवजा
यहां 115 सूअरों को चिह्नित किया गया और 85 सूअर मृत मिले हैं। सर्वे का काम जारी है। सर्वे पूरा होते ही संक्रमित सूअरों को मारा जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा पालकों को मुआवजा भी दिया जाएगा।
मध्य प्रदेश में सुअर पालकों की मुसीबत बढ़ सकती है। यहां सुअरों में अफ्रीकन स्वाइन फीवर के लक्षण मिले हैं। कटनी जिले में अफ्रीकी बुखार से पीड़ित सुअरों के मिलने के बाद से खलबली है। कटनी में पशु चिकित्सा विभाग के प्रभारी उपसंचालक, आर.के. सिंह, ने कहा कि सूअरों में अफ्रीकी बुखार पाया गया है। 115 सूअरों को चिह्नित किया गया और 85 सूअर मृत मिले हैं। सर्वे का काम जारी है। सर्वे पूरा होते ही संक्रमित सूअरों को मारा जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा पालकों को मुआवजा भी दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, चार टीमें क्षेत्र में सर्वेक्षण करने में लगी हुई हैं। सर्वेक्षण दो दिनों के भीतर पूरा होने की संभावना है। उसके बाद संक्रमित क्षेत्रों में सुअरों को मार देंगे। सुअरों के मालिकों को मुआवजा दिया जाएगा। केंद्र सरकार से मुआवजे की राशि मिल चुकी है और इसे सुअरों के वजन के हिसाब से बांटा जाएगा। सिंह ने कहा कि यह राशि न्यूनतम 2 हजार 200 रुपये और अधिकतम 15 हजार रुपये के बीच होगी। जबलपुर से विशेषज्ञों की टीम भी यहां आएगी।
सुअरों के इस घातक बुखार से संक्रमित पाए जाने के बाद इन स्थलों के एक किलोमीटर के दायरे को इन्फेक्टेड जोन और इस जोन के आसपास के 9 किलोमीटर के दायरे को सर्विलांस जोन के तौर पर घोषित किया गया है। इन्फेक्टेड जोन में पाए जाने वाले सभी सूकर आश्रयों में सूकरों की आवाजाही को प्रतिबंधित किया गया है।
इससे पहले रीवा जिले में भी सुअरों में अफ्रीकन स्वाइन फीवर फैलने की खबर सामने आई थी। अगस्त में ऐसी खबर आई थी कि अकेले शहर में 2 हफ्ते के अंदर 2 हजार से अधिक सुअरों की मौत हो चुकी है। हालांकि, बताया जाता है कि यह बीमारी सूअर से दूसरे पशुओं में नहीं फैलती है। संक्रमित सुअरों को वैज्ञानिक विधि से मारना ही एकमात्र उपाय है।
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