उज्जैन में एक घंटे दिखेगा ग्रहण, नंगी आंखों से देखने की गलती कतई ना करें
अवंतिका नगरी में आंशिक सूर्यग्रहण होगा, जो दोपहर 2.28.03 बजे शुरू होगा और मोक्ष समय शाम 6.32.01 पर होगा। कुल मिलाकर आंशिक सूर्यग्रहण 4 घंटे 4 मिनट तक रहेगा, जिसका मध्य समय 4.30.1 बजे रहेगा।
मध्य प्रदेश के उज्जैन अवंतिका नगरी में आंशिक सूर्यग्रहण होगा, जो दोपहर 2.28.03 बजे शुरू होगा और मोक्ष समय शाम 6.32.01 पर होगा। कुल मिलाकर आंशिक सूर्यग्रहण 4 घंटे 4 मिनट तक रहेगा, जिसका मध्य समय 4.30.1 बजे रहेगा। उज्जैन में अपराह्न 4.41.01 बजे से एक घंटे तक ही ग्रहण दिखाई देगा। हमारे यहां शाम 5.53 बजे ग्रहण में ही सूर्यास्त होगा। इस सूर्य ग्रहण को आंशिक इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि ग्रहण के मध्य की स्थिति अपराह्न 4.30.1 बजे सूर्य का 63.2 प्रतिशत भाग ढकेगा। बता दें कि पूर्ण सूर्य ग्रहण में डायमंड रिंग जैसी स्थिति बनती है, जिसमें सूर्य पूरी तरह ढक जाता है और सूर्य की रोशनी की बॉर्डर के साथ एक स्थान पर हीरे जैसी चमक रहती है, इसलिए इसे डायमंड रिंग आकृति कहा जाता है।
महाकाल मंदिर में ग्रहणकाल के दौरान ये होगा
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को खंडग्रास ग्रस्तास्त सूर्यग्रहण है। ग्रहण का प्रभाव पूरे भारत में देखा जा सकेगा। इसके साथ ही उज्जैन की अवंतिका नगरी में ग्रहण के दौरान श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद रहेगा। वहीं, भगवान का स्पर्श भी नहीं होगा। ग्रहण समाप्ति के बाद पूरे मंदिर का शुद्धिकरण होने के बाद पूजन आरती होगी। ग्रहण काल के दौरान भगवान का स्पर्श नहीं किया जाता है। इस दौरान मंदिर से जुड़े पंडे-पुजारी जप तप व ध्यान कर भगवान की आराधना करते हैं। ग्रहण काल समाप्त होने के पश्चात सम्पूर्ण मंदिर का शुद्धिकरण होगा। इसके बाद श्री महाकालेश्वर भगवान का संध्या पूजन व आरती होगी। ग्रहण काल के दौरान केवल भगवान महाकाल के मंदिर के पट खुले रहेंगे। इस दौरान दर्शनार्थी दूर से भगवान के दर्शन कर सकते हैं।
ग्रहण के दौरान चेतावनी
उज्जैन की शासकीय जीवाजी वेधशाला से चेतावनी जारी की गई है कि नंगी आंखों या पोलराइड या धूप के चश्मे से ग्रहण देखने पर आंखें खराब हो सकती है, ग्रहण को देखने के एक्स-रे फिल्म का उपयोग नहीं करें, किसी चश्मे से भी नहीं देखें, सीधे सूर्य को देखने की कोशिश नहीं करें। ये आंखों के लिए घातक हो सकता है।टेलीस्कोप या बाइनोक्यूलर से सूर्य को कभी न देखें। किसी भी ऐसे फिल्टर का इस्तेमाल न करें, जो सूर्य की दृश्य तीव्रता को कम कर देता है,धूम्रयुक्त ग्लास, रंगीन फिल्म, सनग्लास, नॉन-सिल्वर ब्लैक एण्ड व्हाइट फिल्म, फोटोग्राफिक न्यूट्रल डेंसिटी फिल्टर या पोलराइजिंग फिल्टर एक्सरे फिल्म का इस्तेमाल न करें। ये सुरक्षित नहीं होते नेत्र गोलकों पर लगाए जाने वाले सौर फिल्टर का इस्तेमाल भी न करें जो सस्ते टेलीस्कोप के साथ बेचे जाते हैं। जबकि अच्छी खबर यह है कि ग्रहण देखने के लिए वेधशाला में सोलर फिल्टर युक्त चश्मे से सूर्य ग्रहण देखने की व्यवस्था की गई है।
देश मे कहां-कहां दिखेगा
वेधशाला से जारी सूचना में बताया गया कि ग्रहण यूरोप, मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका, पश्चिम एशिया, उत्तरी अटलांटिक महासागर, उत्तरी हिंद महासागर, भारत में दिखेगा। भारत में यह ग्रहण अंडमान निकोबार द्वीप समूह तथा उत्तरी पूर्वी भारत को छोड़कर संपूर्ण भारत में दिखेगा।
क्षिप्रा स्नान होगा
खण्डग्रास ग्रस्तास्त सूर्यग्रहण के संपन्न होने के बाद क्षिप्रा के रामघाट पर होगा स्नान श्रद्धालु शुद्धि हेतु स्नान के लिए शिप्रा नदी पहुंचते हैं। ग्रहण मोक्ष के बाद श्रद्धालु रामघाट पर स्नान के बाद दान-पुण्य कर देव स्थलों पर दर्शन करेंगे। वहीं, शहर के वैष्णव मंदिरों में भी शुद्धिकरण के बाद भगवान के पट खोलकर पूजन-आरती होगी।
वेधशाला के अधीक्षक राजेंद्र गुप्त बताया कि भारत में सूर्यग्रहण की शुरुआत उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर चलने पर शाम 04:20 से शाम 05:30 के मध्य स्थान की स्थिति के अनुसार होगा। मध्य प्रदेश में सूर्य ग्रहण की शुरुआत उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्वकी ओर चलने पर साथ 04:35 से साथ 04:50 के मध्य स्थान की स्थिति के अनुसार होगा। भोपाल में ग्रहण की शुरुआत साथ 04:42:4 पर मध्य की स्थिति शाम 05:38 पर होगी। ग्रहण की स्थिति में ही भोपाल में शाम 05:47 पर सूर्यास्त हो जाएगा।
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