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आपसी विवाद में लिखा राहुल गांधी की यात्रा को बम से उड़ाने वाला पत्र? पंजाब के करनाल पहुंची इंदौर टीम

मध्य प्रदेश के इंदौर में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से पहले धमकी भरा पत्र मिलने से पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया। पुलिस को इस मामले में बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। दो लोगों से पूछताछ की।

Sneha Baluni लाइव हिन्दुस्तान, इंदौरSun, 20 Nov 2022 07:09 AM
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मध्य प्रदेश के इंदौर में जूनी इंदौर थाना क्षेत्र में शुक्रवार को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से पहले एक पत्र मिलने के बाद पुलिस प्रशासन पूरी तरह से हरकत में है। पत्र में धमाका करने वाले ने कमलनाथ को गोली मारने की बात कही थी। मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस को जो पत्र मिला था उसमें अमनदीप निवासी करनाल का वोटर आईडी मिला था। पुलिस द्वारा अमरदीप से जब पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह एक ड्राइवर है और एक साल पहले गुना में नशे के साथ पकड़ा गया था, उस पर एनडीपीएस का मामला भी चल रहा है।

वहीं पुलिस द्वारा सिख समाज के ज्ञान सिंह और लाल सिंह से भी बातचीत की गई जो एक धर्म स्थल से जुड़े हुए हैं। दोनों ने अपने बयानों में बताया कि इंदौर के लंगर में खाना खाने एक खानाबदोश व्यक्ति आता था, जो धर्म स्थल पर कई बार विवाद करता था। ज्ञान सिंह और लाल सिंह ने भी किसी व्यक्ति पर शक जताया है। पुलिस कमिश्नर हरियाणा चारी मिश्रा की मानें तो यह पूरा मामला सिर्फ आपसी विवाद का है और पत्र में लिखी गई बातों से स्पष्ट होता है कि सिर्फ आपसी विवाद के चलते यह पत्र लिखा गया है।

पत्र लिखने वाले की हैंडराइटिंग कम पढ़े लिखे व्यक्ति की

पुलिस की मानें तो जिस भी व्यक्ति ने यह पत्र लिखा है वह अधिक पढ़ा लिखा नहीं है। पत्र में कई बार काट-छांट और हिंदी में कई नंबरों को लिखा गया है। वर्तमान समय में लोग मोबाइल नंबर और अंक लिखने में हिंदी का कम ही प्रयोग करते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो पत्र लिखने वाले की उम्र 60 से 70 वर्ष के लगभग हो सकती है। पत्र लिखने वाले ने जिन भी मोबाइल नंबर्स को कागजों पर लिखा है, वे सभी परिचितों के नंबर है। उसने ही उज्जैन के पोस्ट ऑफिस पर जाकर पत्र को था।

पत्र पर ज्ञान सिंह का नाम क्यों लिखा गया?

पुलिस को जो धमकी भरा पत्र मिला था उस पर ज्ञान सिंह का नाम लिखा था। पुलिस की मानें तो कोई भी धमकी देने वाला व्यक्ति अपना मोबाइल नंबर और आधार कार्ड देने जैसी गलती नहीं करता है। ज्ञान सिंह का गुरुद्वारे से संबंध और लाल सिंह का ज्ञान सिंह से जुड़ा विवाद, इसके अलावा जितने भी मोबाइल नंबर मिले वो सभी ज्ञान सिंह के परिचितों के थे। पुलिस द्वारा पूरे मामले में सिर्फ एक दूसरे के प्रति साजिश करने की बात सामने आ रही है।

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