'बागेश्वर सरकार पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे पंडोखर महाराज'; MP हाईकोर्ट में पहुंचा मामला
जबलपुर जिले के नरसिंहपुर निवासी अमीश तिवारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उनके आराध्य व गुरु धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर गुरुशरण शर्मा नाम के संत द्वारा लगातार आपत्तिजनक बयान दिए जा रहे हैं।
साधु-संतों के बीच प्रवचन के दौरान होने वाली बयानबाजी भी अब मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की दहलीज तक पहुंच गई है। बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर पंडोखर सरकार पर एफआईआर दर्ज करने की मांग संबंधी याचिका दायर की गई थी। इस पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस विशाल धगट की बेंच ने नरसिंहपुर पुलिस को उक्त मामले की जांच कर यदि किसी प्रकार का अपराध बनता है तो मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। बता दें कि, याचिकाकर्ता ने पंडोखर सरकार पर बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और उनके परिवार पर अनादरपूर्वक टिप्पणी करने का आरोप लगाया है।
जबलपुर जिले के नरसिंहपुर निवासी अमीश तिवारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उनके आराध्य और गुरु पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर गुरुशरण शर्मा नाम के संत द्वारा लगातार आपत्तिजनक बयान दिए जा रहे हैं। इसका प्रचार-प्रसार भी सोशल मीडिया पर जमकर किया जा रहा है। इस बयानबाजी से न केवल उनकी आस्था को ठेस पहुंची है बल्कि उनके गुरु का अपमान भी किया जा रहा है, लिहाजा गुरु शरण शर्मा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। इस बात की शिकायत उन्होंने नरसिंहपुर थाने में भी की है, लेकिन पुलिस ने उनकी शिकायत पर कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की। जबलपुर हाईकोर्ट में इस मामले में नए कानून के तहत पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
यह पूरा मामला कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने से जुड़ा हुआ है। हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि नए आपराधिक कानून में यह प्रावधान है कि शिकायत के बाद 14 दिवस के अंदर पुलिस को कार्रवाई करनी ही होगी या फिर शिकायतकर्ता को एफआईआर दर्ज न करने का कारण बताना होगा।
वकील पंकज दुबे के अनुसार, नए कानून के तहत शिकायतकर्ता की शिकायत पर पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए। याचिका में उठाए गए तर्कों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि शिकायतकर्ता की शिकायत पर पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज की जाए और अगर एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही है तो उचित कार्रवाई की जाए ताकि शिकायतकर्ता उचित फोरम में जा सके।
याचिकाकर्ता अमीश तिवारी की ओर से वकील पंकज दुबे ने बताया कि याचिकाकर्ता ने गोटेगांव पुलिस में 7 मई को शिकायत की थी कि दतिया निवासी धर्मगुरु गुरुशरण शर्मा (पंडोखर महाराज) तमाम संतों के विरुद्ध टिप्पणियां करते हैं और उन्हें वायरल करते हैं। गुरुशरण शर्मा ने बागेश्वर पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री और उनके परिवार के लोगों के संबंध में भी अनादर पूर्वक संबोधन किया। दुबे ने दलील दी कि भारतीय नागरिक संहिता की धारा-173 के तहत पुलिस का दायित्व है कि शिकायत मिलने के 14 दिन में जांच करे। अपराध असंज्ञेय है तो शिकायतकर्ता को सूचना दे। ऐसा नहीं होने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने नए कानून की व्याख्या करते हुए ये आदेश जारी किए।
रिपोर्ट : विजेन्द्र यादव
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।