Hindi Newsमध्य प्रदेश न्यूज़Our national flag is prepared only in Gwalior in North India Republic Day Special Story

गणतंत्र दिवस स्पेशल: उत्तर भारत में सिर्फ ग्वालियर में तैयार होता है तिरंगा, कई मानकों का रखा जाता है ध्यान

26 जनवरी को पूरा देश 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है और इस दौरान पूरे देश भर में आजाद हिंदुस्तान की आन-बान और शान कहा जाने वाला तिरंगा फहराया जा रहा है लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा हिंदुस्तान की शान...

Vishva Gaurav लाइव हिंदुस्तान, ग्वालियर।Wed, 26 Jan 2022 10:19 AM
share Share

26 जनवरी को पूरा देश 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है और इस दौरान पूरे देश भर में आजाद हिंदुस्तान की आन-बान और शान कहा जाने वाला तिरंगा फहराया जा रहा है लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा हिंदुस्तान की शान कहे जाने वाले तिरंगे को उत्तर भारत में सिर्फ ग्वालियर में बनाया जाता है। देश में सिर्फ तीन जगह ही देश के राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण होता है, जिनमें से एक ग्वालियर भी है। ग्वालियर में मध्य भारत खादी संघ तिरंगे का निर्माण करता है।

उत्तर भारत में सिर्फ ग्वालियर में तैयार होता है तिरंगा
देश में मात्र तीन जगह हमारे राष्ट्रीय ध्वज तैयार किए जाते हैं और यहां बने ध्वज देश के अलग-अलग कोनों में जाते हैं। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड में राष्ट्रीय ध्वज तैयार करने के दस्तावेज जारी किए हैं, जिसमें कहा गया है कि सभी झंडे खादी सिल्क कॉटन के ही होंगे और मानकों के अनुसार ही बनेंगे। यही वजह है कि देश में मात्र तीन जगह राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण किया जाता है। मुंबई, कर्नाटक के हुबली और मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आधिकारिक तौर पर सभी नियमों को ध्यान में रखते हुए ध्वज तैयार किए जाते हैं। ग्वालियर मध्य भारत खादी संघ, उत्तर भारत की इकलौती राष्ट्रीय ध्वज बनाने वाली संस्था है।

ग्वालियर में तीन कैटिगरी में तैयार होता है तिरंगा 
ग्वालियर का मध्य भारत खादी संघ तीन कैटेगरी में तिरंगे तैयार करता है। राष्ट्रीय ध्वज निर्माण इकाई की मैनेजर नीलू ने बताया हम अपने यहां पर 2×3 फ़ीट, 6×4 फ़ीट, 3×4.5 फ़ीट के तिरंगे झंडे तैयार करते हैं। राष्ट्रीय ध्वज बनाने के लिए तय मानकों का विशेष ख्याल रखा जाता है, जिसमें कपड़े की क्वालिटी, रंग, चक्र का साइज और जैसे मानक शामिल हैं। लैब में इन सभी चीजों का टेस्ट किया जाता है। 9 मानकों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय ध्वज तैयार होता है। राष्ट्रीय ध्वज तैयार करने वाले कारीगरों का कहना है कि तिरंगे तैयार करने में हमें अपने आप पर गर्व महसूस होता है। हम अपने आप को खुशकिस्मत समझते हैं कि रोजगार के साथ-साथ हम तिरंगे का निर्माण कर रहे हैं।

देश के अलग-अलग कोने लहराता है ग्वालियर में बना तिरंगा
राष्ट्रीय ध्वज किसी भी देश की प्रमुख पहचान होती है। देश भर के कई शासकीय और अशासकीय कार्यालय के साथ कई मंत्रालयों में लहराने वाले तिरंगे ग्वालियर के होते हैं। उत्तर भारत के एकमात्र मध्य भारत खादी संघ द्वारा बनाए जा रहे ये राष्ट्रीय ध्वज देश के अलग-अलग कोनों में जाते हैं। राष्ट्रीय ध्वज निर्माता इकाई की मैनेजर नीलू ने बताया कि यहां बने हमारे राष्ट्रीय ध्वज देश के अलग-अलग राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर सहित कई जगहों पर पहुंचते हैं और गणतंत्रता दिवस, स्वतंत्रता दिवस और संविधान दिवस पर बड़ी शान से फहराए जाते हैं।

मध्य भारत खादी संघ एक साल में करीब एक करोड़ रुपए के झंडे बनाता है। मध्य भारत खादी संघ के सचिव रमाकांत शर्मा ने बताया है कि इस वित्तीय वर्ष में अब तक 85 लाख रुपए के झंडों का उत्पादन हो चुका है और उम्मीद है कि 2 महीनों में ये उत्पादन एक करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें