Hindi Newsमध्य प्रदेश न्यूज़MP: Students allegedly punished for chanting Jai Shri Ram religious slogan at Missionary Convent School in Vidisha NCPCR issues notice

जय श्री राम बोलने पर छात्रों को पीटने का आरोप, मध्य प्रदेश में मिशनरी स्कूल पर ऐक्शन

मध्य प्रदेश के विदिशा में कथित तौर पर एक निजी स्कूल के छात्रों को धार्मिक नारा लगाने के लिए दंडित करने का मामला सामने आया है। वहीं, स्कूल प्रशासन ने इस तरह के सभी आरोपों से इनकार किया है।

Praveen Sharma विदिशा (मध्य प्रदेश)। एएनआई, Fri, 10 Nov 2023 01:59 PM
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मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में कथित तौर पर एक निजी स्कूल के छात्रों को धार्मिक नारा लगाने के लिए दंडित करने का मामला सामने आया है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने विदिशा के कलेक्टर और  एसपी को इन आरोपों की जांच करने के लिए नोटिस जारी किया है। घटना जिले के गंज बासौदा स्थित भारत माता कॉन्वेंट स्कूल में गुरुवार (9 नवंबर) को हुई। आयोग ने उसी दिन नोटिस जारी कर दिया।

एएनआई के पास मौजूद नोटिस की एक कॉपी में लिखा है, "आयोग को एक शिकायत मिली है जिसमें उल्लेख किया गया है कि 9 नवंबर को विदिशा के गंज बासौदा स्थित भारत माता कॉन्वेंट स्कूल में जय श्री राम बोलने पर कक्षा 6 और 7 के कुछ छात्रों को स्कूल परिसर में एक कार्यक्रम के दौरान सार्वजनिक रूप से पीटा गया और प्रताड़ित किया गया।"

नोटिस में आगे कहा गया है, "मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर और एसपी से अनुरोध है कि वे तुरंत मामले की जांच कर आरोपियों के खिलाफ उचित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करें और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई सुनिश्चित करें। साथ ही की गई कार्रवाई की जांच रिपोर्ट आवश्यक दस्तावेजों सहित सात दिन के भीतर आयोग को भेजें।''

एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा, "मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के गंज बासौदा में एक मिशनरी कॉन्वेंट स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान कुछ छात्र जोश में आकर 'जय श्री राम' के नारे लगाने लगे। जिसके परिणामस्वरूप स्कूल प्रशासन द्वारा कथित तौर पर छात्रों को पीटा गया और प्रताड़ित किया गया। पूरी घटना निंदनीय है और हमने इसमें संज्ञान लिया है। हमने विदिशा कलेक्टर और एसपी को नोटिस दिया है। हमने उन्हें मामले की जांच कर एफआईआर दर्ज करने और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।"

वहीं, स्कूल प्रशासन ने छात्रों को दंडित करने की बात से इनकार करते हुए कहा है कि छात्रों को केवल नारा लगाकर अनुशासन न तोड़ने की सलाह दी गई थी।

स्कूल के एक टीचर ने कहा, ''हमारे यहां 9 नवंबर को बाल दिवस का कार्यक्रम था। उस कार्यक्रम के बाद बच्चों को अनुशासन में एक कतार में भेजा जा रहा था और इस दौरान कुछ बच्चों ने नारे लगाए होंगे, मुझे इसकी जानकारी नहीं है। उन नारों को लगाने के लिए कुछ बच्चों को मंच पर बुलाया गया और उन बच्चों को सिर्फ नारा लगाकर अनुशासन न तोड़ने की सलाह दी गई। विद्यार्थियों को कोई सजा नहीं दी गई, केवल सलाह दी गई।'' 

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