कुर्सी जाते ही कमलनाथ का विरोध, बागी नेताओं ने फोड़ा हार का ठीकरा, भाजपाइयों ने लिए मजे
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद जाते ही कमलनाथ का सूबे में विरोध शुरू हो गया है। एमपी के पूर्व कांग्रेस नेताओं ने हार का ठीकरा कमलनाथ पर फोड़ा है। वहीं भाजपा नेता घटनाक्रम पर मजे ले रहे हैं।
प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी जाते ही कमलनाथ का सूबे में विरोध होने लगा है। कांग्रेस के पूर्व और टिकट नहीं पाले वाले बागी नेता खुलकर कमलनाथ के खिलाफ बोलते नजर आ रहे हैं। शनिवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पद पर जीतू पटवारी की नियुक्ति के बाद जितनी खुशी कांग्रेस के कार्यकर्ताओ में दिखी उससे ज्यादा गुस्सा कांग्रेस के पूर्व सासंद और कई बार कांग्रेस को जीत दिवालने वाले नेताओं में दिखा। कांग्रेस के पूर्व नेता प्रेम चंद गुड्डू ने सोशल मीडिया पर पर एक पत्र जारी करते हुए प्रदेश अध्यक्ष पद से कमलनाथ को हटाए जाने के कांग्रेस आलाकमान के फैसले का स्वागत किया।
गुड्डू लिखा यदि यह फैसला एक साल पहले ले लिया गया होता तो एमपी में कांग्रेस को हार का सामना नहीं करना पड़ता। पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू सांवेर उपचुनाव हारने के बाद इस बार आलोट से निर्दलीय चुनाव लड़े थे। उनकी बेटी रीना बौरासी सेतिया पारिवारिक विवाद के बीच सांवेर से विधानसभा चुनाव लड़ी जिन्हें हार का सामना करना पड़ा। आलोट से कांग्रेस का टिकिट नहीं मिलने से नाराज प्रेमचंद गुड्डू ने कहा कि कमलनाथ को हटाकर कांग्रेस आलाकमान ने ठीक किया है। इस निर्णय का स्वागत किया जाना चाहिए।
प्रेमचंद गुड्डू ने कहा- कमलनाथ को हटाए जाने का फैसला एक साल पहले ले लेना चाहिए था। यदि एक साल पहले यह फैसला लिया गया होता तो एमपी में कांग्रेस को शर्मनाक हार का सामना नहीं करना पड़ता। मैं कांग्रेस छोड़ चुका हूं। फिर प्रसन्नता है कि कांग्रेस आलाकमान को बात समझ में आ गई है कि कमलनाथ के अहंकार और नकारापन के चलते विधानसभा चुनाव में भाजपा विरोधी माहौल होने के बावजूद कांग्रेस फायदा उठाने में असफल रही।
वहीं भाजपा नेता इस पूरे घटनाक्रम पर मजे ले रहे हैं। भाजपा नेता नरेंद्र सलूजा ने कहा- कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को कुछ नहीं देते हुए कांग्रेस नेतृत्व ने इनके साथ अच्छा नहीं किया। ये नेता चुप बैठने वाले नहीं है... मालूम हो कि कमलनाथ 2018 के चुनाव के पहले से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद पर कायम थे। कांग्रेस ने बीते दो विधानसभा चुनाव कमलनाथ के नेतृत्व में लड़ा था। इस बार पार्टी की हार के बाद से उन्हें पद से हटाए जाने की अटकलों ने जोर पकड़ रखा था। आखिरकार कांग्रेस आलाकमान ने कमलनाथ की जगह जीतू पटवारी को जिम्मेदारी सौंपने का फैसला किया।
रिपोर्ट- हेमंत नागले
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