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MP में भाजपा के गढ़ में उतारे 2018 के हारे हुए कैंडिडेट; कांग्रेस ने इन प्रत्याशियों को फिर दिया मौका, देखें लिस्ट

रीवा की 4 सीटों में गुढ़ विधानसभा से कपिध्वज सिंह, मऊगंज से पूर्व विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना, मनगंवा से बबिता साकेत, त्योंथर विधानसभा से पूर्व प्रत्याशी रहे रमाशंकर सिंह को कांग्रेस ने टिकट दिया है।

Mohammad Azam लाइव हिंदुस्तान, रीवाSun, 15 Oct 2023 12:51 PM
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MP Congress Candidate List: कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में अपनी पहली सूची जारी कर दी है। इस लिस्ट में कांग्रेस ने रीवा जिले की 8 विधानसभा सीटों में से चार सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिया है। रीवा की गुढ़ विधानसभा से कपिध्वज सिंह पर अपना भरोसा जताते हुए अपना उम्मीदवार बनाया है। रीवा की त्योंथर विधानसभा से पूर्व प्रत्याशी रहे रमाशंकर सिंह को कांग्रेस ने एक बार फिर मौका दिया गया है। मऊगंज से पूर्व विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना और मनगंवा से बबिता साकेत को कैंडिडेट बनाया गया है।

2018 में रीवा की सभी सीटों पर भाजपा का कब्जा
रीवा जिले की आठों विधानसभा सीटों पर इस समय भाजपा का कब्जा है। रीवा के ये सीटें विंध्य के लिए अहम सीटें मानी जाती हैं। यही वजह है की सभी पार्टियों की नजर इन सीटों को जीतने के लिए लगी रहती है। हालांकि भाजपा ने रीवा, मऊगंज और  देवतालाब विधानसभा में अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं और वर्तमान विधायकों को एक बार फिर मौका दिया गया है।

गुढ़ विधानसभा
गुढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस ने कपिध्वज सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है। कपिध्वज सिंह पिछले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ा था। गुढ़ विधानसभा सीट पर 2018 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नागेंद्र सिंह ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने समाजवादी पार्टी के कपिध्वज सिंह को 7828 वोटों से हराया था। हालांकि इस बार कपिध्वज कांग्रेस पार्टी की टिकट से प्रत्याशी हैं। और लगातार क्षेत्र में सक्रिय है जिससे ये माना जा रहा है इस सीट पर चुनाव काफी दिलचस्प होगा हालांकि अभी भाजपा ने इस सीट पर अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। 

त्योंथर से हार के बावजूद रमाशंकर सिंह को तीसरी बार मौका
त्योंथर विधानसभा सीट से कांग्रेस ने रमाशंकर सिंह पटेल को अपना प्रत्याशी बनाया है। हालांकि, उन्हें दो बार भाजपा के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। 2018 के चुनाव में भाजपा के श्यामलाल द्विवेदी ने कांग्रेस के रमाशंकर सिंह पटेल को 5343 वोटों से हराया था और 2013 के चुनाव में उन्हे भाजपा प्रत्याशी रमाकांत तिवारी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी ने उन्हें तीसरी बार फिर इस सीट से मौका दिया है। हालांकि, कांग्रेस नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी के पोते भी इस क्षेत्र से लगातार सक्रिय थे और टिकट मांग रहे थे। लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया। कांग्रेस से सिद्धार्थ तिवारी बगावत करते है तो कांग्रेस को इस सीट पर नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।

मऊगंज से सुखेंद्र सिंह बन्ना को टिकट
रीवा जिले से अलग होकर नया जिला बने मऊगंज में कांग्रेस ने पूर्व विधायक सुखेंद्र सिंह बन्ना पर अपना भरोसा जताते हुए उन्हे एक बार फिर अपना प्रत्याशी बनाया है। हालांकि, 2018 के चुनाव में उन्हे भाजपा के प्रदीप पटेल के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। 2018 के चुनाव में भाजपा के प्रदीप पटेल ने कांग्रेस के सुखेंद्र सिंह बन्ना को 11 हजार से ज्यादा वोटों से हराकर यह चुनाव जीता था। हार के बाद भी सुखेंद्र सिंह बन्ना क्षेत्र में लगातार सक्रिय थे और जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को लेकर कई बार आंदोलन भी किया, जिसके चलते पार्टी ने उनपर एक बार फिर भरोसा जताते हुए उन्हें फिर से अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं भाजपा ने इस सीट पर अपने वर्तमान विधायक प्रदीप पटेल को अपना प्रत्याशी बनाया है।

मनगंवा से बबिता साकेत मैदान में
मनगंवा विधानसभा सीट से कांग्रेस ने बबिता साकेत को अपना प्रत्याशी बनाया है। 2018 के चुनाव में इस सीट से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा के पंचूलाल प्रजापति ने कांग्रेस की बबिता साकेत को 18 हजार से भी ज्यादा वोटों से हराकर यह चुनाव जीता था। हालांकि, इस सीट पर बीएसपी से विधायक रही शीला त्यागी भी लगातार सक्रिय थीं और कांग्रेस में शामिल हो गई थीं। उन्हें भी टिकट का दावेदार माना जा रहा था। लेकिन पार्टी ने बबिता साकेत पर भरोसा जताते हुए उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है हालांकि इस सीट पर अभी भाजपा ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।

इनपुट: शादाब सिद्दीकी

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