मुश्किल हालात में भी प्रगति मित्तल ने नहीं मारी हार, श्योपुर की बेटी बनी 12वीं साइंस में मध्य प्रदेश टॉपर
प्रगति ने बताया कि कोरोना काल के दौरान उसकी पढ़ाई काफी ज्यादा प्रभावित हुई। इसके बावजूद उसने हार नहीं मानी और वह लगातार मेहनत करती रही। वह हर दिन 5 से 6 घंटे तक पढ़ाई किया करती थी।
मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10वीं और 12वीं के बोर्ड रिजल्ट घोषित कर दिए हैं। इस परीक्षा में श्योपुर जिले की 12वीं की छात्रा प्रगति मित्तल ने साइंस वर्ग में प्रथम स्थान हासिल किया है। प्रगति ने इस परीक्षा में 500 में से 494 अंक हासिल किए हैं। अपनी इस सफलता को लेकर प्रगति ने लाइव हिंदुस्तान के साथ खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने अपनी सफलता की प्रेरणा, तैयारी और भविष्य के लक्ष्य के बारे में विस्तार से चर्चा की।
पिता ने किया मोटिवेट
प्रगति ने बताया कि इस सफलता के पीछे सबसे बड़ा मोटिवेशन उसके पिता हैं। प्रगति के पिता टेंट व्यवसायी हैं। कोरोना काल में बिजनेस पूरी तरह से ठप हो गया था। रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया था। इसके बावजूद वह प्रगति का मनोबल लगातार बढ़ाते रहते थे। अब प्रगति आईएएस बनकर अपने पिता का सपना पूरा करना चाहती है। उसका कहना है कि सफलता के लिए वह ऐसी ही मेहनत करती रहेगी। प्रगति ने बताया कि कोरोना काल के दौरान उसकी पढ़ाई काफी ज्यादा प्रभावित हुई। इसके बावजूद उसने हार नहीं मानी और वह लगातार मेहनत करती रही। वह दिन में 5 से 6 घंटे पढ़ाई करती थी। उसे इस बात का भरोसा तो था कि वह जिले में टॉप करेगी। लेकिन उसने यह उम्मीद नहीं की थी कि वह पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान पर आकर जिले का नाम रोशन करेगी।
बिटिया के चलते बदला फैसला
प्रगति के पिता ने बताया कि चार साल पहले ही वह अपने गांव आदिवासी बाहुल्य इलाके विजयपुर से श्योपुर में शिफ्ट हुए हैं। शहर में रोजी रोटी के लिए उन्होंने एक छोटी सी टेंट की दुकान खोली है। लेकिन कोरोना काल में बिजनेस पूरी तरह ठप हो गया। इसके बाद उन्होंने फिर से गांव जाने की तैयारी कर ली थी। लेकिन बेटी प्रगति की जिद के कारण उन्होंने उन्होंने गांव जाना का फैसला बदल दिया। अब बेटी ने अपने रिजल्ट से दिखा दिया कि वह क्या कर सकती है।
पिता का सपना, बेटी बने आईएएस
प्रगति के पिता राजेंद्र मित्तल ने बताया कि वह बचपन से ही पढ़ाई में तेज है। यही वजह है कि दसवीं कक्षा में भी वह जिले में टॉपर रही है। उन्होंने बताया कि श्योपुर जिला एक आदिवासी बाहुल्य है और पढ़ाई-लिखाई में काफी पिछड़ा है। इसके बावजूद प्रगति ने अपनी मेहनत और लगन से जिले ही नहीं बल्कि प्रदेश में नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा कि बेटी प्रगति हमेशा मुझसे कहती है कि वह एक दिन आईएएस बनेगी। आज 12वीं में प्रदेश में पहला स्थान लाकर उसने दिखा दिया है कि एक दिन वह आईएएस बनने का सपना भी पूरा करेगी।
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