Hindi Newsमध्य प्रदेश न्यूज़Madhya Pradesh STF arrests 3 suspects in Vyapam scam case 8 years after Digvijay singh complaint

व्यापम घोटाला : मध्य प्रदेश STF ने 3 संदिग्धों को दबोचा, दिग्विजय सिंह की शिकायत पर 8 साल बाद एक्शन

बहुचर्चित व्यापम घोटाला मामले में मध्य प्रदेश एसटीएफ ने 2014 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की शिकायत के आधार पर दर्ज एफआईआर में नामजद आठ आरोपियों में से तीन को गिरफ्तार कर लिया है।

Praveen Sharma भोपाल। लाइव हिन्दुस्तान, Tue, 31 Jan 2023 09:38 AM
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मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाला (Vyapam Scam) मामले में मध्य प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने 2014 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की शिकायत के आधार पर दर्ज एफआईआर में नामजद आठ आरोपियों में से तीन को गिरफ्तार कर लिया है। दो अन्य को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है।

एसटीएफ ने 6 दिसंबर को प्रशांत मेश्राम, अजय टेंगर, कृष्ण कुमार जायसवाल, अनिल चौहान, हरि किशन जाटव, शिव शंकर प्रसाद, अमित बडोले और सुलवंत सिंह मोरया के खिलाफ फर्जी तरीके से पीएमटी 2008-2009 पास करने का मामला दर्ज किया था। प्रशांत, अजय और अनिल को रविवार को गिरफ्तार किया गया था और अब वे न्यायिक हिरासत में हैं। अमित और सुलवंत को सोमवार को जमानत मिल गई थी।

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों का कहना है कि संदिग्धों की सूची में शामिल कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं। व्यापम घोटाले में एसटीएफ द्वारा यह एफआईआर 2022 के अंत में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय द्वारा शिकायत दर्ज करने के लगभग आठ साल बाद दर्ज की गई थी।

एफआईआर ने राज्य के सियासी गलियारों में हलचल मचा दी थी, सत्ता पक्ष के कुछ लोगों ने इसे राजनीति से प्रेरित कदम बताते हुए आश्चर्य जताया था कि इतने सालों के बाद इसे किसने मंजूरी दी।

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया था केस

बता दें कि, 2014 में एसटीएफ को दी गई शिकायत में दिग्विजय सिंह का आरोप है कि भाजपा नेताओं का एक वर्ग घोटाले में शामिल था। बाद में सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले को एसटीएफ से सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया था।

एसटीएफ के अधिकारियों ने राजनीतिक विवाद को खारिज करते हुए कहा है कि व्यापम जांच में यह नियमित कार्रवाई है क्योंकि वे उन सैकड़ों शिकायतों की जांच कर रहे हैं, जो सीबीआई द्वारा नहीं ली गई थीं। एसटीएफ अधिकारियों का कहना है कि पुलिस मुख्यालय के 'क्वेश्चन्ड डॉक्यूमेंट्स (क्यूडी) सेक्शन' की जांच के बाद एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें आरोपी के हस्ताक्षर और अन्य क्रेडेंशियल्स के बीच अंतर पाया गया था।

दिग्विजय ने कुछ मंत्रियों पर आरोप लगाते हुए तीन श्रेणियों में छात्रों की एक सूची सौंपी थी। उनका आरोप था कि मध्य प्रदेश सरकार और भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेता वित्तीय लाभ के लिए घोटाले में शामिल थे।

सीबीआई ने 3500 से अधिक को बनाया है आरोपी

सीबीआई ने इस मामले में अपनी जांच पूरी कर ली है। सीबीआई ने 2015 से 2020 के बीच 155 मामलों में 3,500 से अधिक संदिग्धों को चार्जशीट किया है। आज, सीबीआई के पास व्यापम का कोई मामला लंबित नहीं है और सैकड़ों जांचकर्ताओं को, जिन्हें इस व्यापक जांच के लिए भोपाल भेजा गया था, उन्हें उनकी मूल यूनिट में वापस भेज दिया गया है। 

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