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दूसरे की आईडी चुरा 36 साल तक की सरकारी नौकरी, मरने के बाद पत्नी ने पेंशन भी लिया; अब यूं खुली पोल

बताया जा रहा है कि नरसिंह देवांगन की मौत के बाद उसकी पत्नी अहित्लाबाई ने ददई राम की पत्नी बनकर एक बैंक अकाउंट खुलवाया और फैमिली पेंशन तथा अन्य लाभ हासिल किये। बेटे की शिकायत पर भेद खुला है।

Nishant Nandan लाइव हिन्दुस्तान, अनूपपुरWed, 1 Feb 2023 09:08 AM
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मध्य प्रदेश में एक शख्स ने अपनी पहचान छिपा कर नौकरी हासिल की और वेतन उठाता रहा। आदिवासी बहुल अनूपपुर जिले के रहने वाले इस युवक पर आरोप है कि उसने दूसरे युवक के नाम और पहचान पर सरकारी नौकरी हासिल कर ली। आरोपी नरसिंह देवांगन ने अपने एक परिचिति ददई राम के पहचान पत्र का इस्तेमाल किया और साल 1984 में सरकारी नौकरी हासिल कर ली। साल 2020 में उसकी मौत हो गई और तब तक वो विभाग की आंखों में धूल झोंक कर नौकरी करता रहा। यह मामला उस वक्त उजागर हुआ जब देवांगन की मौत के बाद मृतक के परिवार को मिलने वाले सरकारी लाभों को लेकर झगड़ा शुरू हुआ और देवांगन के बेटे ने एक शिकायत दर्ज करवाई।

नरसिंह देवांगन की पत्नी अहिल्याबाई देवांगन ने अपने पति की मौत के बाद फैमिली पेंशन के लिए अप्लाई किया। उन्होंने एक बैंक अकाउंट खुलवाया और दावा किया कि वो ददई राम की पत्नी हैं। 75 साल के ददई राम अभी गरीबी की हालत में जी रहे हैं और फिलहाल पड़ोसी जिले छत्तीसगढ़ के कल्याणपुर गांव में रहते हैं। इस मामले में पुलिस ने नरसिंह देवांगन की पत्नी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। 
 

ददई राम के बेटे ने कही यह बात

'टाइम्स ऑफ इंडिया' ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि इस एफआईआर में कहा गया है कि नरसिंह देवांगन ने ददई राम की पहचान चुरा ली और फिर South Eastern Coalfields Limited (SECL) में नौकरी हासिल कर ली। वो अपनी अंतिम सांस तक यहां नौकरी करता रहा। उसकी मौत के बाद उसकी पत्नी अहित्लाबाई ने ददई राम की पत्नी बनकर बैंक अकाउंट खुलवाया और फैमिली पेंशन तथा अन्य लाभ हासिल किये। 

ददई राम के बेटा हरखू साहू छत्तीसगढ़ में मजदूरी करता है। उसने मीडिया से बातचीत में कहा, 'मैं मुश्किल से 5000-6000 रुपये महीने में कमा पाता हूं। मेरे पिता अब 75 साल के हो गए हैं। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी बीता दी लेकिन उन्हें नहीं पता चला सका कि नरसिंह देवांगन ने उनकी पहचान चुरा कर अपनी मौत तक नौकरी की है।

हमें इस बात की जानकारी तब मिली जब नरसिंह के बेटे खिलावन देवांगन 23 जनवरी को हमारे गांव में आए। उन्होंने हमारे पिता के बारे में जानकारी ली और हमें विस्तार से सभी बातें बताई। जानकारी मिलने के बाद हमने मंगलवार को अनूनपुर के बिजूरी पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कराया।'

कभी ददई राम का पड़ोसी था नरसिंह

हरखू ने बताया कि उसके पिता ने उसने बताया है कि नरसिंह कभी उनका पड़ोसी था। वो दोनों मजदूर थे। उनके पास रोजगार कार्ड था और जब उनका काम खत्म हो गया तब उन्होंने यह कार्ड नरसिंह को रिन्यू कराने के लिए दिया था। बाद में वो छत्तीसगढ़ में आ गए। छत्तीसगढ़ आने के बाद उन्होंने इस कार्ड के बारे में कभी कोई पूछताछ नहीं की। 

यूं खुला भेद

नरसिंह देवांगन के बेटे और बहू का दावा है कि उनको भी इस धोखाधड़ी के बारे में मालूम नहीं था। नरसिंह देवांगन की बहू ने कहा कि जब उनके ससुर की मौत हो गई तब उनकी सास ने मृतक के परिवार को मिलने वाला पैसा और अन्य लाभ खुद ही हड़प लिया। हमने इसके बारे में जब शिकायत की तब इस धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है। उन्होंने बताया कि जब हमने रियल ददई राम की तलाश शुरू की तब वो हमें छत्तीसगढ़ में मिले। हम उन्हें बिजूरी लेकर पहुंचे और उनका बयान दर्ज हुआ। जिसके बाद केस दर्ज हो सका है।

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