मध्य प्रदेश: हाईकोर्ट ने पूछा, जब आरोपी को अदालत से जमानत मिली ही नहीं तो वो रिहा कैसे हुआ
धोखाधड़ी के केस में आरोपी को अदालत ने जमानत नहीं दी फिर भी वह रिहा हो गया। इस मामले पर संज्ञान लेते हुए अदालत से राज्य शासन, डीजीपी, आइजी, एसपी भोपाल नॉर्थ, एसएचओ थाना कोहेफिजा, भोपाल व उपेंद्र जैन...
धोखाधड़ी के केस में आरोपी को अदालत ने जमानत नहीं दी फिर भी वह रिहा हो गया। इस मामले पर संज्ञान लेते हुए अदालत से राज्य शासन, डीजीपी, आइजी, एसपी भोपाल नॉर्थ, एसएचओ थाना कोहेफिजा, भोपाल व उपेंद्र जैन एडीजीपी (आइजी रेंज भोपाल) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
वहीं अदालत ने यह भी कहा है कि अगली सुनवाई तक यह स्पष्ट करें कि इतनी बड़ी चूक आख़िर हुई कैसे ? कोर्ट ने मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए हुए कहा कि शासन की तरफ से यह भी साफ़ किया जाए कि, आखिर एक आरोपित को जमानत मिले बिना रिहा कैसे कर दिया गया?
मंगलवार को न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता मो. आमिर के वकील विकास महावर ने कहा कि याचिकाकर्ता ने भोपाल के कोहेफिजा थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था, जिसके आधार पर जसबीर सिंह सहित अन्य के खिलाफ कई धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किया गया। इस मामले में दर्ज की गई कुछ धाराएं गैरजमानती थीं। इस सबके बावजूद भी एक साल गुजर गया और एक भी आरोपी गिरफ्तार नहीं हुआ। लिहाजा, उन सभी आरोपियों पर इनाम भी घोषित किया आया था।
अधिवक्ता ने बहस के दौरान बताया कि बीते 11 सितंबर को रायसेन जिले की गौहरगंज पुलिस ने जसबीर सिंह को गिरफ्तार किया। वहीं इसकी सूचना कोहेफिजा थाने को भी दी गई। इस सबके बाद इंस्पेक्टर नितिन अहिरवार तीन आरक्षकों के साथ गौहरगंज आए और जसबीर को कोहेफिजा थाने ले गए। लिहाजा इस मामले को लेकर गौहरगंज थाने में आरोपी को कोहेफिजा पुलिस के हवाले किए जाने की जानकारी भी दर्ज है।
इसके बावजूद भी आरोपी को आइजी रेंज भोपाल के एडीजीपी उपेंद्र जैन से जान-पहचान का फायदा उठाकर आरोपित को कोर्ट में पेश नहीं किया गया और बिना जमानत आदेश के रिहा कर दिया गया। याचिका कर्ता की तरफ से वकील ने कोर्ट को यह भी बताया कि इस बात की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में भी की गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
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