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मध्य प्रदेश की लाड़ली लक्ष्मी योजना ने बैगा जाति की दिव्या को ऐसे पहुंचाया दोबारा स्कूल

दिव्या शहडोल की है जो बैगा आदिवासी समाज की है और उसने गरीबी के कारण एक समय स्कूल की पढ़ाई छोड़ दी थी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने लाड़ली लक्ष्मी योजना की जानकारी दी तो उसने दोबारा स्कूल ज्वाइन किया।

Ravindra Kailasiya लाइव हिंदुस्तान, भोपालMon, 9 May 2022 07:14 PM
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मध्य प्रदेश की 15 साल पहले शुरू हुई लाड़ली लक्ष्मी योजना की सफलता की कहानियों में 42 लाख बच्चियां जुड़ चुकी हैं जिनमें से ज्यादातर स्कूल से कॉलेज में जा चुकी हैं। ऐसी एक बच्ची दिव्या शहडोल की है जो बैगा आदिवासी समाज की है और उसने गरीबी के कारण एक समय स्कूल की पढ़ाई छोड़ दी थी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने लाड़ली लक्ष्मी योजना की जानकारी दी तो उसने दोबारा स्कूल ज्वाइन किया और आज वह हायर सेकंडरी स्कूल में है। 

शहडोल की लाड़ली लक्ष्मी दिव्या बैगा के पिता शिवराज और माता दोनों मजदूरी करते हैं। बेटी के जन्म के बाद से उन्हें उसके पालन-पोषण, शिक्षा व शादी की चिंता सताने लगी थी। वह समय स्कूल गई लेकिन होश संभालने पर अपने परिवार की हालत देखकर उसने स्कूल छोड़ दिया। मगर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने उसे लाड़ली लक्ष्मी योजना के बारे में बताया तो उसने दोबारा पढ़ाई शुरू की। छठवीं में दो हजार, नौवीं में चार हजार और ग्यारहवीं में छह हजार रुपए की छात्रवृत्ति मिली। अब उसके पिता शिवराज की वह चिंता भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लाड़ली लक्ष्मी की शादी में एक लाख देने की घोषणा से दूर हो गई है।

पिता के अचानक निधन के बाद लाड़ली लक्ष्मी से पली-बढ़ीं
हरदा की हर्षिता और एकता विश्वकर्मा के पिता का उनके जन्म के बाद अचानक निधन हो गया और उनकी मां मीना की चिंता बढ़ गई। मां बेटियों के पालन-पोषण की चिंता में थी क्योंकि घर के मुखिया के निधन से आर्थिक स्थिति भी खराब हो गई थी। लाड़ली लक्ष्मी योजना से हर्षिता की छठवीं और नौवीं की पढ़ाई में मिली छात्रवृत्ति की चिंता दूर हुई तो अब एकता को भी छठवीं में लाड़ली लक्ष्मी से दो हजार की छात्रवृत्ति मिली है। अब मां को बेटियों की शिक्षा में आर्थिक परेशानी से नहीं जूझना पड़ रहा है।

स्त्री-पुरुष अंतर कम हुआ
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महत्वकांक्षी लाड़ली लक्ष्मी योजना को 15 साल पूरे हो गए हैं और इस बार लाड़ली लक्ष्मी दो लांच की गई है। इस योजना से बताया जाता है कि स्त्री-पुरुष के अनुपात का अंतर कम हुआ है। 2001 की जनगणना में 1000 पुरुष पर 919 महिलाओं का अनुपात था तो आज वह बढ़कर 956 पहुंच गया है। अब सरकार लाड़ली लक्ष्मी के 21 साल की होते ही उसके खाते में एक लाख रुपए की राशि डाले जाने का फैसला किया गया है। साथ ही उनके स्कूल के बाद कॉलेज की पढ़ाई से लेकर नौकरी लगने तक में हर संभव मदद की जिम्मेदारी सरकार ने ले ली है। कॉलेज में प्रवेश लेते ही बेटियों के खाते में एकमुश्त 20 हजार रुपए डाले जाने का योजना में प्रावधान किया गया है।

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