IIT इंदौर ने बनाया अनोखा जूता, बिजली पैदा करने के साथ लोकेशन भी बताता; सेना की पॉवर करेगा दोगुनी
IIT इंदौर ने अनोखा जूता बनाया है। यह बिजली पैदा करने के साथ ही पहनने वाले की लोकेशन भी बताता है। प्रोफेसर ने बताया कि इससे सेना के अलावा, बुजुर्गों, बच्चों, खिलाड़ियों और मरीजों के लिए भी मददगार है।
आईआईटी इंदौर ने एक खास तरह का जूता बनाया है। यह आने वाले दिनों में भारत और दुनिया की अलग-अलग सेनाओं के लिए मददगार साबित होगा। यह जूता एक खास तरह की तकनीक से बना है। सेना के जवान जूता पहनकर चलेगें तो बिजली पैदा होगी। साथ ही वो इसे पहनकर जहां भी जाएगें वहां की उनकी लोकेशन का पता लगाया जा सकेगा। इसकी मदद से सेना की क्षमता और सुरक्षा बढ़ाई जा सकती है।
संस्थान के प्रोफेसर ने बताया कि यह जूता ट्राइबो-इलेक्ट्रिक नेनोजेनरेटर तकनीक की मदद से हर कदम के साथ बिजली पैदा करता है। चलने से बनने वाली बिजली जूते के तलवे में लगी एक डिवाइस में एकट्ठी होती रहती है। इसकी मदद से छोटे-मोटे उपकरणों को चलाया जा सकता है। इसमें जीपीएस सिस्टम भी लगाया गया है ताकि पहनने वाले की लोकेशन को ट्रैक किया जा सके। लोगों की सही लोकेशन जानने में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेश तकनीक का भी प्रयोग किया गया है। सेना के जवानों के अलावा देश के संवेदनशील वर्ग के लिए भी मददगार होगी।
मान लीजिए आपके घर में कोई अल्जाइमर का मरीज है जिस कारण वो रास्ते भूल जाते हैं। तो इस तकनीक वाले जूते पहनने पर उन्हें आसानी से ढूंढ़ा जा सकता है। साथ ही इसका प्रयोग बच्चों, ट्रैकिंग के दौरान, वर्कर लोगों की मौजूदगी को जानने के लिए भी की जी सकती है। यहां तक की इनकी मदद से खिलाड़ियों की मूवमेंट यानी चाल को भी ट्रैक किया जा सकता है।
आईआईटी इंदौर डीआरडीओ यानी रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन को इस तकनीक वाले 10 जोड़ी जूते पहले ही दे चुका है। आईआईटी इंदौर के प्रोफेसर सुहाष जोशी ने कहा कि इस जूते की मदद से सेना की सुरक्षा और ताकत से पहले से और ज्यादा बढ़ाया जा सकेगा। इससे उम्मीद की जा रही है कि आगे वाले दिनों में इसके और भी अपडेट आएंगे और लोग इस तकनीक का लाभ ले सकेंगे।
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