Hindi Newsमध्य प्रदेश न्यूज़Historical Bodhi Tree near Sanchi stupa in Madhya Pradesh govt spent 60 lakh rupees on protection history is more than 2500 years

इस पेड़ की सुरक्षा में सरकार ने खर्च किए 64 लाख, 24 घंटे पहरा देती है पुलिस; गजब का ऐतिहासिक कनेक्शन

मध्य प्रदेश के सांची के नजदीक रायसेन में एक वट वृक्ष की सुरक्षा में सरकार अबतक 64 लाख रूपये खर्च कर चुकी है। इस पेड़ का इतिहास ढ़ाई हजार साल पुराना है और दो देशों के ऐतिहासिक संबंधो का प्रमाण है।

Abhishek Mishra लाइव हिन्दुस्तान, भोपालSun, 26 March 2023 10:01 AM
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मध्य प्रदेश के सांची में बोधि वृक्ष की सुरक्षा में सरकार ने 64 लाख खर्च कर दिए। दरअसल इस पेड़ का ऐतिहासिक महत्व बहुत ज्यादा है और इसकी हिस्ट्री ढ़ाई हजार साल पुरानी है। 24 घंटे वर्दीधारी हथियारबंद पुलिस पेड़ की सुरक्षा करती है। हालिया पेड़ कीड़ों के चलते प्रभावित हो रहा है। ऐसे में इस पेड़ को बचाने की कवायद तेज हो गयी है। 

इस पेड़ का इतिहास शुरू होता है 2500 साल पहले। महात्मा बुद्ध को बोधगया में वटवृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। जिसके बाद हिन्दू धर्म के अलावा बौद्ध धर्म में भी वटवृक्ष का महत्व बढ़ गया था। बौद्ध अनुयायी इस पेड़ की पूजा अर्चना करने लगे थे और ज्यादातर बौद्ध स्थलों पर इस पेड़ को लगाया जाने लगा था। तकरीबन 269 ईसा पूर्व में अशोक के बौद्ध धर्म अपनाने के बाद सांची में स्तूप बना और बौद्ध धर्म के विश्वव्यापी प्रचार प्रसार ने जोर पकड़ा। अशोक ने अपने दूत श्रीलंका भेजे। ऐतिहासिक जानकारी के अनुसार सांची में लगे वट की शाखा को भी अशोक ने श्रीलंका भेजा था। कई ऐतिहासिक स्रोतों में जानकारी मिलती है कि इससे पहले अशोक इस जगह पर एक धार्मिक स्थल की स्थापना कर चुके थे और इस वृक्ष की पूजा भी शुरू हो चुकी थी। अशोक ने श्रीलंका के राजा देवानामपिय तिस्स को इस बोधि वृक्ष की शाखा भेजी थी। श्रीलंका के राजा ने इस शाखा को अपनी राजधानी औरंधापुरा में लगाया। 

साल 2012 में श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे भारत आए। राजपक्षे अपने साथ ऐतिहासिक वटवृक्ष की छाया में पनपने वाले पेड़ की शाखा लेकर आए। मन जाता है कि राजपक्षे जो शाखा लेकर आए थे, वो अशोक के उपहार के बोधिवृक्ष के वंशानुक्रम का ही पेड़ था। उस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में सलामतपुर में उन्होंने ये पेड़ लगाया।

जिसके बाद इस पेड़ की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई। राज्य ने अब तक पेड़ की रखवाली और पानी पर 64 लाख रुपये खर्च किए हैं। पेड़ के पास 24 घंटे चार होमगार्ड तैनात रहते हैं। बोधिवृक्ष को अब लीफ कैटरपिलर नामक कीट ने संक्रमित कर दिया है। पेड़ की पत्तियां सूख रही हैं। इस पर सुरक्षा कर्मचारियों का कहना है कि उद्यान विभाग ने पेड़ पर कीट के हमले के इलाज के लिए कोई उपाय नहीं अपनाया है। महत्वपूर्ण पेड़ होने के बावजूद अब धीरे-धीरे पत्तियां भी सूख रही हैं और पेड़ के तने में कीट लग रहे हैं। 

 

 

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