Hindi Newsमध्य प्रदेश न्यूज़Gama Pehalwan had learned wrestling from Rewa Akhara Ghat

गामा पहलवान ने यहीं से सीखे थे कुश्ती के दांव-पेच, नागपंचमी पर लगता था पहलवानों का जमावड़ा; पहचान खोता रीवा का आखाड़ घाट

रीवा में राजाओं के जमाने से नाग पंचमी के दिन कुश्ती की परंपरा की शुरुआत की गई थी जो अब औपचारिकता में सिमट कर रह गई है। हालांकि आज भी यहां पर कुश्ती होती है लेकिन पहले जैसी नहीं।

Vishva Gaurav लाइव हिंदुस्तान, रीवा।Tue, 2 Aug 2022 02:19 PM
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नाग देवता की पूजा-आराधना का पर्व नागपंचमी का त्योहार मंगलवार को परंपरा अनुसार मनाया जा रहा है। विंध्य क्षेत्र की नागपंचमी प्रदेश भर में चर्चित रही है। यहां राजतंत्र के जमाने से अन्य क्षेत्रों की तरह घर-घर में नागदेवता की पूजा होती रही है। रीवा में राजाओं के जमाने से नाग पंचमी के दिन कुश्ती की परंपरा की शुरुआत की गई थी जो अब औपचारिकता में सिमट कर रह गई है। हालांकि आज भी यहां पर कुश्ती होती है लेकिन पहले जैसी नहीं। विश्वप्रसिद्ध गामा पहलवान ने भी रीवा के आखाड़ घाट से कुश्ती के दांव पेच सीखकर लंदन में अपना परचम लहराया था।

पुराने वक्त में तत्कालीन महाराजा की उपस्थिति में शहर के आखाड़ घाट में कुश्ती का दंगल होता था। दूर-दूर से लोग पहलवानों की कुश्ती को देखने आते थे जो अब औपचारिकता में सिमटकर रह गई है। नागपंचमी के दिन अब पहले जैसा कुश्ती-दंगल नहीं होता लेकिन कुश्ती की एक परंपरा कायम है, जिसका निर्वहन आज भी किया जा रहा है। तत्कालीन राजतंत्र के जमाने में महाराजा गुलाब सिंह से लेकर महाराजा मार्तण्ड सिंह के जमाने में यहां पर नागपंचमी के दिन कुश्ती का दंगल होता था। जिसमें सैकड़ों पहलवान हिस्सा लेते थे।

साधु-संत भी करते थे व्यायाम
बताया जाता है कि सन् 1630 के दौरान तत्कालीन महाराज अमर सिंह के वक्त में बाहर से आए स्वामी प्रेमदास जी महराज द्वारा आखाड़ घाट में कुश्ती, पहलवानी की शुरुआत की गई थी। नागपंचमी के दिन यहां पर महाराज स्वयं उपस्थित होते थे। उनके सामने कुश्ती का भव्य आयोजन हुआ करता था। हमेशा ही आखाड़ घाट में पहलवन लोग आते थे और पहलवानी करते थे। तत्कालीन समय में साधु-संत भी यहां पर व्यायाम व अन्य गतिविधियां करते थे। गुरुप्रसाद एक ऐसे व्यक्ति थे जो मलखंभ के क्षेत्र में प्रदेशभर में चर्चित रहे हैं। वह एक मिनट में में 64 उड़ी लगाते थे।

गामा पहलवान ने यहीं से सीखी थी कुश्ती
विश्वप्रसिद्ध गामा पहलवान ने भी इसी आखाड़  घाट से कुश्ती के दांव पेच सीखे थे। इसके अलावा इस आखाड़ घाट से रामलाल खराबी, गोवर्धन सिंह, मुल्तान खान वा नूर मोहम्मद जैसे कई चर्चित पहलवान निकले हैं।

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